सीएम योगी का बड़ा ऐलान, एलडीबी से अब लघु-सीमांत किसानों को सिर्फ छह फीसद ब्याज पर मिलेगा ऋण
लखनऊ, 21 दिसंबर (आईएएनएस)। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के हित में ऐतिहासिक फैसला लेते हुए बड़ी राहत का एलान किया है। यूपी को-ऑपरेटिव एक्सपो-2025 और युवा सहकार सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु और सीमांत किसानों को अब यूपी सहकारी ग्राम विकास बैंक (एलडीबी) से मात्र 6 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
सीएम योगी ने अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अंतर्गत रविवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के जूपिटर हॉल में युवा सहकार सम्मेलन एवं यूपी को-ऑपरेटिव एक्सपो-2025 का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने इस क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लघु और सीमांत किसानों को बड़ी सौगात दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अंदर यूपी सहकारी ग्राम विकास बैंक का रेट ऑफ इंटरेस्ट लगभग साढ़े 11 फीसदी है। किसानों को इसका काफी ब्याज देना होता है। सरकार इसे कम करने की दिशा में बढ़ रही है। लघु व सीमांत किसान को यह लोन अब महज 6 फीसदी पर मिलेगा। प्रदेश में मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के अंतर्गत छह प्रतिशत पर लोन एलडीबी के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। शेष योगदान राज्य सरकार की ओर से किया जाएगा।
सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पहली बार सहकारिता का नया मंत्रालय गठित किया। पहले यह कृषि मंत्रालय के अधीन छोटा आयाम हुआ करता था। पहले सहकारिता मंत्री के रूप में अमित शाह सहकारिता आंदोलन को नई ऊंचाई प्रदान कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया है। पीएम मोदी की प्रेरणा से हम लोगों ने सहकारिता के सुदृढ़ीकरण की दिशा में अनेक कदम उठाए हैं। दुनिया की एक चौथाई सहकारी समितियां भारत में हैं। इनमें 8.44 लाख से अधिक समितियां, 30 करोड़ से अधिक सदस्य पूरे अभियान में सामूहिक शक्ति के रूप में योगदान देने के लिए तत्पर हैं।
उन्होंने कहा कि 11 वर्ष में हमने बदलते भारत में देखा है कि तकनीक का उपयोग कर जीवन को सरल बनाते हुए भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था दी जा रही है। डिजिटलीकरण, ई-गवर्नेंस और पारदर्शी नीतियों के माध्यम से सहकारिता क्षेत्र में भी सुशासन व जवाबदेही सुनिश्चित होने की कार्रवाई बढ़ी है। सहकारिता वर्ष 2025 पर यूपी में पहली बार बड़े पैमाने पर कार्य हुए। 26 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष का शुभारंभ किया गया। रन फॉर कॉरपोरेशन में हजारों लोगों ने सहभागिता की। 21 मार्च 2025 को यूपी स्टेट को-ऑपरेटिव लिमिटेड द्वारा एजीएम का आयोजन किया गया, इसमें स्टेक होल्डर्स को 76 करोड़ रुपए का ऑनलाइन लाभांश वितरित किया गया। छह जुलाई 2025 को केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के चौथे स्थापना दिवस पर 266 ड्रोन दीदियों को भी प्रमाण पत्र वितरित किए गए। 12 सितंबर से 30 नवंबर तक एम पैक्स सदस्यता का महाभियान प्रारंभ हुआ। इसमें 24 लाख नए सदस्यों के माध्यम से 43 करोड़ का शेयर कैपिटल भी प्राप्त हुआ। प्रदेश में पहली बार सितंबर 2023 में एमपैक्स सदस्यता अभियान का आयोजन किया गया। 30 लाख नए सदस्य बने और 70 करोड़ का शेयर कैपिटल प्राप्त हुआ था। आज जिला सहकारी बैंकों में दो लाख से अधिक बैंक अकाउंट और 550 करोड़ का डिपॉजिट है।
सीएम योगी ने 2017 से पहले डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक की दुर्दशा का जिक्र करते हुए बताया कि 16 बैंक डिफॉल्टर घोषित हो गए थे। रिजर्व बैंक ने उनके लाइसेंस जब्त कर लिए थे, लेकिन अब यूपी के को-ऑपरेटिव बैंक डिफॉल्टर और बीमार नहीं हैं, बल्कि स्वयं स्वस्थ हैं और को-ऑपरेटिव से जुड़े सदस्यों के साथ ही किसान की समृद्धि में भी योगदान दे रहे हैं। शासन की अनेक योजनाओं को बढ़ाने का कार्य भी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने एम पैक्स को 10 लाख रुपए तक ब्याज मुक्त ऋण की सीमा दी है। इसे बढ़ाकर 15 लाख रुपए करने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे, लेकिन उससे पहले मैनपॉवर की कमी पूरी करेंगे।
सीएम योगी ने बताया कि 6760 एमपैक्स को उर्वरक व्यवसाय के लिए 10 लाख रुपए ब्याज मुक्त ऋण स्वीकृत किया गया है। इससे निरंतर उर्वरक आपूर्ति सुनिश्चित हुई है। हम लोगों ने प्रयास किया है कि प्रदेश में जितना भी फर्टिलाइजर, पेस्टिसाइड, केमिकल का वितरण होता है, उसका आधा को-ऑपरेटिव से जुड़े एम पैक्स, साधन सहकारी समितियों के माध्यम से वितरित हो, लेकिन इसके लिए मैनपॉवर को पूरा करना पड़ेगा। प्रत्येक में यह व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे तो किसान जुड़ेगा और सदस्य संख्या बढ़ेगी। एम पैक्स द्वारा 6400 करोड़ का व्यवसाय किया गया और 191 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया गया। 161 एम पैक्स ने जनऔषधि केंद्र के रूप में जेनरिक दवा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है। इसके माध्यम से उन्होंने अब तक एक करोड़ 86 लाख रुपए से अधिक का व्यवसाय किया है।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारें वन डिस्ट्रिक्ट-वन माफिया पालती थीं। को-ऑपरेटिव क्षेत्र पिछली सरकारों के माफियाराज के कारण बर्बाद हो गया है। किसानों की पूंजी फंस गई थी। धीरे-धीरे करके किसानों का 4700 करोड़ रुपये वापस कराया। अब बैंक फिर से अपना काम करते हुए बढ़ रहा है। प्रदेश को माफिया से मुक्ति मिली।
--आईएएनएस
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