सीबीआई ने कानपुर के स्कूल प्रिंसिपल को रिश्वत मामले में 4 साल की जेल की सजा दिलवाई
लखनऊ, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। साल 2016 में रिश्वत मांगने वाले प्रिंसिपल को सीबीआई कोर्ट ने अब सजा सुनाई है। दरअसल, इसे लेकर एक प्राइवेट कंपनी के मालिक ने शिकायत की थी, इसी के आधार पर सीबीआई ने जांच की और प्रिंसिपल दोषी पाया गया है।
साल 2016 में कानपुर की एक प्राइवेट कंपनी के मालिक की शिकायत के आधार पर तसद्दुक खान, जो उस समय केंद्रीय विद्यालय-I, एयर फोर्स स्टेशन, चकेरी, कानपुर,के प्रिंसिपल थे, के खिलाफ मामला दर्ज किया था। यह मामला सीबीआई ने दर्ज किया था।
इस मामले की जांच के 9 साल बाद आखिरकार कोर्ट का फैसला आ गया है और कोर्ट ने आरोपी प्रिंसिपल को दोषी पाया है। कोर्ट ने आरोपी को सजा भी सुनाई है।
लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने 12 दिसंबर को आरोपी तसद्दुक खान को रिश्वतखोरी के मामले में चार साल की जेल और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने 24 अगस्त 2016 को कानपुर की एक प्राइवेट कंपनी के मालिक की शिकायत के आधार पर तसद्दुक खान के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
आरोप था कि तसद्दुक खान ने शिकायतकर्ता से 51,000 रुपये का अनुचित फायदा मांगा था और शिकायतकर्ता को पहले से किए गए 1,73,430/- रुपए के पेमेंट के बदले और भविष्य में स्कूल कैंटीन को सुचारू रूप से चलाने देने के लिए 25,000 रुपए रिश्वत के तौर पर लेने पर सहमति जताई थी।
जांच पूरी होने के बाद सीबीआई ने 30 सितंबर 2016 को आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दायर की। कोर्ट ने ट्रायल के बाद आरोपी को दोषी ठहराया और उसी के अनुसार सजा सुनाई है।
एक अलग मामले में, सीबीआई ने शुक्रवार को केरल की एक पूर्व सब-पोस्टमास्टर को गिरफ्तार किया, जो कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद भी फरार चल रही थी। कोर्ट ने उसे 2.73 लाख रुपये की हेराफेरी का दोषी ठहराया था।
अधिकारी ने एक बयान में कहा कि दोषी जयश्री राजकुमार, जो उस समय केरल के वायनाड जिले के पुलपल्ली सब-पोस्ट ऑफिस की सब-पोस्टमास्टर थी, को मलप्पुरम जिले के कुट्टीपुरम से हिरासत में लिया गया। बयान में कहा गया है कि आरोपी को सीबीआई, एर्नाकुलम के स्पेशल जज-II की कोर्ट में पेश करने के बाद, जज ने उसे सेंट्रल जेल, त्रिशूर भेज दिया।
--आईएएनएस
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