×

सीबीआई कोर्ट ने लोन धोखाधड़ी मामले में तीन आरोपियों को तीन साल की जेल की सजा सुनाई

 

अहमदाबाद, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। लोन धोखाधड़ी मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने अहमदाबाद में तीन आरोपियों को दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा और जुर्माना सुनाया है।

अदालत ने मैसर्स ए-वन इंटरनेशनल के प्रोपराइटर अंकुश मधुभाई नकरानी और मैसर्स जेमिश टेक्सटाइल्स प्राइवेट लिमिटेड के दोनों डायरेक्टर अशोकभाई मनजीभाई कथारोटिया और हिम्मत नागजीभाई वड्डोरिया को दोषी माना। अदालत ने प्रत्येक आरोपी पर 50,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया।

साथ ही, प्राइवेट कंपनी मैसर्स जेमिश टेक्सटाइल प्राइवेट लिमिटेड को भी दोषी ठहराते हुए 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया।

सीबीआई ने यह मामला 20 नवंबर 2013 को दर्ज किया था। आरोप था कि आरोपी अंकुश नकरानी ने जाली बिल ऑफ एंट्री और अन्य आयात दस्तावेज तैयार कर टेक्सटाइल मशीनरी के आयात का दिखावा किया। इसके आधार पर उन्होंने सूरत से लगभग दो करोड़ रुपए का लोन आवेदन किया और उसे मंजूर करवाया।

जांच में यह सामने आया कि अंकुश नकरानी ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर यह फर्जीवाड़ा किया। उन्होंने मशीनरी की कोई असली आयात किए बिना लोन लिया और उस रकम को अपने लाभ के लिए डायवर्ट किया। इस धोखाधड़ी से सूरत को कुल 63,12,474 रुपये का नुकसान हुआ।

जांच पूरी होने के बाद, सीबीआई ने 31 दिसंबर 2014 को अंकुश नकरानी, जेमिश टेक्सटाइल प्राइवेट लिमिटेड, और दोनों डायरेक्टरों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। अदालत ने जांच में पेश सबूतों और दस्तावेजों के आधार पर सभी आरोपियों को दोषी पाया।

अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि बैंकिंग और वित्तीय धोखाधड़ी गंभीर अपराध हैं और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस फैसले से यह संदेश जाता है कि फर्जी दस्तावेज और धोखाधड़ी के जरिए लोन लेने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई निश्चित रूप से की जाएगी।

--आईएएनएस

एसएचके/डीकेपी