जुए में BSF का जवान हार गया पैसा, फिर 'क्राइम शो' देखकर खिलौना पिस्तौल के बल पर ज्वेलरी शॉप में की लूट
आज के डिजिटल युग में जहां सोशल मीडिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ज्ञान का माध्यम बनते जा रहे हैं, वहीं अपराधियों ने भी इसका दुरुपयोग शुरू कर दिया है। ताजा मामला दिल्ली से सामने आया है, जहां सीमा सुरक्षा बल (BSF) के एक जवान ने दिनदहाड़े एक आभूषण की दुकान में लूट की वारदात को अंजाम दिया। चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपी ने अपराध करने का तरीका मोबाइल पर 'क्राइम शो' देखकर सीखा और असली पिस्तौल की जगह एक खिलौना पिस्तौल का इस्तेमाल किया।
छुट्टी लेकर आया और रची लूट की साजिश
पुलिस के अनुसार आरोपी की पहचान 22 वर्षीय गौरव यादव के रूप में हुई है, जिसने 2023 में बीएसएफ में भर्ती होकर मई 2025 में ट्रेनिंग पूरी की थी। डिप्टी पुलिस कमिश्नर (शाहदरा) प्रशांत गौतम ने बताया कि गौरव पंजाब के फाजिल्का में तैनात था। वह 18 जून को छुट्टी लेकर दिल्ली पहुंचा और ट्रेन बदलने की प्रतीक्षा के दौरान लूट की योजना बनाई।
घटना का तरीका: क्राइम शो से मिली प्रेरणा
19 जून को दिल्ली के फर्श बाजार इलाके में एक ज्वेलरी शॉप में गौरव यादव खिलौना पिस्तौल लहराते हुए घुसा। वह दुकानदार को धमकाकर सोने के चार कंगन लेकर फरार हो गया। इस पूरे घटनाक्रम ने पुलिस को सकते में डाल दिया। शुरुआती जांच के बाद फर्श बाजार थाने में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 309(4) के तहत मामला दर्ज किया गया।
ऐसे पकड़ा गया आरोपी
पुलिस ने तकनीकी जांच शुरू करते हुए सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और आईपी डिटेल रिकॉर्ड (IPDR) का विश्लेषण किया। गहन जांच के बाद आरोपी की पहचान गौरव यादव के रूप में हुई। इसके बाद पुलिस ने उसके मध्य प्रदेश के शिवपुरी स्थित पैतृक गांव में छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
जुए की लत ने बना दिया अपराधी
गौरव यादव को ऑनलाइन जुए की लत लग गई थी, जिसमें उसने बड़ी रकम गंवा दी थी। हताशा में उसने अपराध से जुड़ी वेब सीरीज और क्राइम शो देखना शुरू कर दिया, जिससे उसे लूट का आइडिया मिला। पुलिस के मुताबिक, उसने एक स्थानीय दुकान से खिलौना पिस्तौल खरीदी और उसी से लूट की वारदात को अंजाम दिया।
चोरी के गहने बेचे, दो लाख खाते में जमा
लूट के बाद गौरव मेरठ, फिर लखनऊ होते हुए अपने गांव शिवपुरी पहुंचा। यहां उसने चोरी के दो कंगन बेचे और करीब दो लाख रुपये एक बैंक खाते में जमा कर दिए। पुलिस ने उस बैंक खाते की भी पहचान कर ली है और गौरव के घर से चोरी के दो कंगन भी बरामद कर लिए हैं। पुलिस का कहना है कि गौरव का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन मामले की जांच अभी जारी है।
यह घटना यह साफ दर्शाती है कि तकनीक और मनोरंजन के गलत इस्तेमाल से किस प्रकार युवा अपराध की ओर मुड़ सकते हैं। हालांकि, पुलिस की सतर्कता और तकनीकी जांच ने एक बड़े अपराध को सुलझाकर आरोपी को कानून के शिकंजे में ला दिया।