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बिहार: पुनौराधाम में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय सरावगी ने किया उद्घाटन

 

सीतामढ़ी, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। माता जानकी की जन्मस्थली सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में मैथिली अधिकार दिवस के अवसर पर 23वां अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन का आयोजन किया गया है। दो दिवसीय इस सम्मेलन का उद्घाटन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय सरावगी ने सोमवार को किया।

पुनौरा धाम में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत शोभायात्रा से मैथिली परिधान पाग और अन्य वस्त्रों के साथ सुबह जानकी प्राकट्य स्थली से हुई, जबकि दोपहर में मंगलाचरण के साथ उद्घाटन एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मिथिला की इस पावन स्थली को नमन करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय सरावगी ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व संभालने के बाद आज पहली बार जब राजधानी से बाहर निकला, तो वह यह पावन स्थली पुनौरा धाम की स्थली है।

उन्होंने कहा कि जनसंघ के समय से ही भाजपा ने मिथिला के विकास के लिए कार्य किया है। उन्होंने उपस्थित लोगों को भरोसा देते हुए कहा कि एनडीए सरकार मिथिला और मैथिली के विकास के लिए कृतसंकल्पित है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने मिथिलांचल और मैथिली भाषा के लिए जो ऐतिहासिक कदम उठाया था, वह मील का पत्थर बन गया है।

उन्होंने 22 दिसंबर 2003 को भारत सरकार की ओर से मैथिली को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करवाया था। इसी दिन प्रतिवर्ष मैथिली अधिकार दिवस मनाया जाता है और इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।

भाजपा अध्यक्ष संजय सरावगी ने कहा कि जिस तरह मिथिला के 'पाहुन' भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर अयोध्या में बना और देश तथा विदेश के पर्यटक और श्रद्धालु अपने आराध्य का दर्शन करने पहुंच रहे हैं, उसी तरह पुनौरा धाम में भी माता जानकी का भव्य मंदिर बनेगा। पुनौरा धाम ही नहीं, सम्पूर्ण मिथिला अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक का केंद्र बिंदु बनेगा।

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिथिला की पहचान मखाना और मधुबनी पेंटिंग को विश्वव्यापी पहचान दी और मिथिला का सम्मान बढ़ाया।

--आईएएनएस

एमएनपी/डीकेपी