×

भूख नहीं लगती, होती है अपच की समस्या? आयुर्वेद का छोटा उपाय करेगा कमाल

 

नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। आयुर्वेद में कहा गया है कि ज्यादातर रोग पेट से शुरू होते हैं और स्वास्थ्य की बहाली भी वहीं से होती है। पाचन तंत्र ठीक रहे तो पूरा शरीर ठीक रहता है, लेकिन अनियमित दिनचर्या पूरे दिन का खेल बिगाड़ देती है और सेहत पर इसका बुरा असर पड़ता है सो अलग। खाना ठीक से नहीं पचता तो पोषक तत्व शरीर को नहीं मिल पाते। आयुर्वेद छोटे-छोटे उपाय से बड़े लाभ की बात कहता है।

आयुर्वेदिक ग्रंथों में स्पष्ट कहा गया है कि सभी रोगों की शुरुआत पेट से होती है। भोजन सही से नहीं पचता, तो पोषक तत्व शरीर तक नहीं पहुंच पाते और कमजोरी, थकान, अपच, भूख न लगने जैसी समस्याएं बढ़ने लगती हैं।

आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि योग, संतुलित आहार और सही दिनचर्या से पाचन को प्राकृतिक रूप से मजबूत बनाया जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण है भोजन का तरीका। चिंता, क्रोध या जल्दबाजी में खाना कभी नहीं खाना चाहिए, क्योंकि ये पाचन को नुकसान पहुंचाते हैं। आयुर्वेद कहता है, "जैसा मन, वैसा पाचन," इसलिए शांत मन से हल्का और संतुलित भोजन करना सबसे अच्छा होता है।

पाचन की मूल समस्या जठराग्नि (डाइजेस्टिव फायर) का कमजोर होना है। जब अग्नि मंद पड़ जाती है, तो भूख कम लगती है और अपच होती है। आयुर्वेद में इसे दबाने की बजाय जगाने पर जोर दिया जाता है। इसके लिए बहुत आसान और प्रभावी घरेलू उपाय बताया गया है। विशेषज्ञ के अनुसार, भोजन से 10-15 मिनट पहले अदरक, नींबू और सेंधा नमक, और काली मिर्च का सेवन करना फायदेमंद होता है।

इसके लिए ताजा अदरक का एक छोटा टुकड़ा (लगभग 1 इंच) बारीक काट लें या कद्दूकस कर लें। इसमें आधे नींबू का रस निचोड़ें और चुटकी भर सेंधा नमक के साथ थोड़ी सी काली मिर्च मिलाएं। इसे भोजन से 10-15 मिनट पहले चाट लें या चबाकर खाएं।

यह मिश्रण पाचन अग्नि को तेज कर लार ग्रंथियों को सक्रिय करता है, भूख बढ़ाता है और अपच की समस्या दूर करता है। इसे नियमित रूप से अपनाने से कुछ ही दिनों में फर्क महसूस होने लगता है। इसके अलावा, आयुर्वेद दिन में पर्याप्त पानी पीने, रात का भोजन हल्का और जल्दी करने, और तला-भुना कम खाने की सलाह देता है।

यह छोटा-सा उपाय रोजमर्रा की जिंदगी में आसानी से शामिल किया जा सकता है और पाचन को स्वस्थ रखने में कारगर है, लेकिन अगर अपच या भूख न लगने की समस्या लंबे समय से है, तो किसी वैद्य से परामर्श जरूर लें।

--आईएएनएस

एमटी/डीकेपी