हिंदू लड़कियों से दुष्कर्म कांड से जुड़ रहे भोपाल में ड्रग्स तस्करों के तार, पुलिस अलर्ट; सरगना से होगी पूछताछ
भोपाल में ड्रग्स तस्करों के खिलाफ की गई बड़ी कार्रवाई के बाद शहर में चल रहे एक संगठित अपराध नेटवर्क का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। यह नेटवर्क सिर्फ नशे की तस्करी तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें हिंदू लड़कियों को निशाना बनाकर उन्हें ड्रग्स की लत लगवाने, दुष्कर्म करने और फिर वीडियो के जरिए ब्लैकमेल कर यौन शोषण करने की भयावह साजिश भी सामने आई है। पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपियों का संबंध कथित रूप से एक ऐसे गिरोह से है, जिसमें मुस्लिम युवकों द्वारा हिंदू लड़कियों को "लव जिहाद" के तहत फंसाने की भी योजना शामिल बताई जा रही है।
गुरुवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने इस मामले में अहम जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियों को पार्टियों के बहाने बुलाकर उन्हें ड्रग्स की लत लगाई जाती थी। फिर उन्हें नशीली हालत में दुष्कर्म का शिकार बनाकर उसका वीडियो बनाया जाता था। बाद में उसी वीडियो के आधार पर पीड़िताओं को ब्लैकमेल किया जाता और कई मामलों में सामूहिक यौन शोषण की घटनाएं भी सामने आईं।
प्रियंक कानूनगो ने कुछ पुलिस अधिकारियों के साथ आरोपितों के स्वजनों की तस्वीरें भी सार्वजनिक कीं, जिससे इस गिरोह के पीछे छिपे संरक्षकों की पहचान हो सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मामला महज एक आपराधिक वारदात नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक सुनियोजित नेटवर्क और गंभीर साजिश है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस को अब जांच का दायरा केवल आरोपियों तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि उन लोगों तक पहुंचने की जरूरत है जो इन घटनाओं को संरक्षण दे रहे हैं।
यह मामला विशेष रूप से चर्चित इसलिए हो गया है क्योंकि इसका संबंध पहले से दर्ज एक केस से भी जुड़ता है। जहांगीराबाद थाने में एक पीड़िता ने दर्ज शिकायत में आरोपित साद द्वारा गांजा लाने की बात कही थी, जिससे ड्रग्स की तस्करी और यौन शोषण के मामलों की कड़ियां जुड़ती दिख रही हैं।
पुलिस को इस कांड में गिरफ्तार किए गए आरोपियों शाहवर अहमद और यासीन अहमद के मोबाइल फोन से 30 से अधिक आपत्तिजनक वीडियो मिले हैं। ये वीडियो क्लब-90 नामक एक पब में हुई ड्रग्स पार्टी से भी जुड़े हो सकते हैं। पुलिस अब इन वीडियो में दिख रही लड़कियों की पहचान कर रही है। हालांकि, कुछ पीड़िताओं ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने से इनकार किया है, जिससे मामले की जांच में बाधा आ सकती है।
पुलिस की शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी नशे की हालत में लड़कियों को अपने जाल में फंसा कर उनके साथ दुष्कर्म करते थे और फिर उन्हें वीडियो के जरिए ब्लैकमेल करते थे। क्राइम ब्रांच के डीसीपी अखिल पटेल ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान की जा रही है और जल्द ही पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जाएगा।
यह मामला न सिर्फ भोपाल बल्कि देशभर में युवाओं की सुरक्षा और सामाजिक तानेबाने पर गंभीर सवाल खड़े करता है। पुलिस और जांच एजेंसियों पर अब यह जिम्मेदारी है कि वे बिना किसी दबाव के इस पूरे रैकेट को उजागर करें और दोषियों को सख्त सजा दिलाएं।