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बाबरी मस्जिद बनाना मेरा हक, मैं किसी से डरने वाला नहीं हूं: हुमायूं कबीर (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

 

कोलकाता, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज है। इस बीच टीएमसी से निष्कासित और भरतपुर से विधायक हुमायूं कबीर ने अपनी नवगठित जनता उन्नयन पार्टी के बैनर तले 182 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। अब हुमायूं कबीर ने आईएएनएस से बात करते हुए कई सवालों के जवाब दिए।

सवाल : लोग बाबरी का विरोध क्यों कर रहे हैं? क्या उन पर कोई दबाव है या फिर वे भी सांप्रदायिक हैं?

जवाब : कुछ लोगों ने तो 33 साल पहले ही विवादित ढांचे को तोड़ दिया है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया, उसमें ऐसा कुछ नहीं बताया गया है कि किसी जमीन पर मस्जिद नहीं बनेगी। कोर्ट ने मस्जिद को दूसरी जगह बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन भी दे दी है, लेकिन वहां पर मुसलमानों की ज्यादा आबादी नहीं है, इसलिए वहां पर मस्जिद नहीं बन पाई। पश्चिम बंगाल में 37 प्रतिशत, जबकि मुर्शिदाबाद में 72 प्रतिशत आबादी है, ऐसे में यहां पर बाबरी मस्जिद बनने से किसी को क्या तकलीफ हो सकती है? मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि मस्जिद बनाना मेरा हक है। अपने बच्चे का कोई क्या नाम रखे, उससे दूसरे को क्या तकलीफ होनी चाहिए? कुछ लोग भड़काने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह भड़काने वाली कोई चीज नहीं है। किसी को डराना नहीं चाहिए। मैं भी इससे डरने वाला नहीं हूं।

सवाल : मस्जिद बनाने का क्या प्लान है? आगे की क्या परिकल्पना है?

जवाब : मैंने एक कंपनी को मस्जिद बनाने की जिम्मेदारी सौंप दी है। मस्जिद का क्या स्ट्रक्चर होगा, सरकार से कैसे मंजूरी लेनी है, उन सभी चीजों के लिए कार्य चल रहा है। इसमें एक महीने का समय लगेगा। मेरी कोशिश है कि 15 फरवरी से पहले यह शुरू हो जाए।

सवाल : पश्चिम बंगाल के बहुत जिलों से आपको बुलावा आ रहा है। कई सारे राजनीतिक और गैर-राजनीतिक कार्यक्रम कराए जा रहे हैं, उस पर आपका क्या कहना है?

जवाब : मैं मेरे अल्लाह का शुक्रगुजार हूं कि कई जिलों से मुझे बुलाया जा रहा है। मुसलमान आबादी हमसे बहुत प्यार कर रही है और सम्मान दे रही है। बहुत लोग मुझसे मिलना और बात करना चाहते हैं। मेरी जितनी कोशिश रहेगी, मैं उनसे मिलूंगा। मुसलमान समाज के महफिल में मुझे बुलाया जा रहा है। उनसे मिलने के लिए मुझे जितना भी चलना पड़ेगा, मैं चलूंगा। आने वाले समय में पश्चिम बंगाल के ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों को कवर करने के लिए मैं हेलीकॉप्टर भी लूंगा। ऐसे में अपने पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में वोट की अपील करने के लिए मैंने एक दिन में तीन-तीन रैली करने का लक्ष्य रखा है। अगले ढाई महीने तक प्रदेशभर में घूमना है।

सवाल : कुछ लोग अन्य राजनीतिक दल छोड़कर पार्टी में आपकी पार्टी में आना चाहते हैं। अगर कोई टीएमसी छोड़कर आएगा, तो क्या आप उसे अपनी पार्टी में जगह देंगे?

जवाब : मेरी पार्टी के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं। सभी का मैं स्वागत करूंगा। उन्हें मेरी पार्टी में आना चाहिए। सभी पार्टियों ने मुसलमानों को धोखा दिया। ममता बनर्जी भी कई साल से सरकार में हैं। उन्होंने भी मुसलमानों को धोखा दिया है। मुसलमान समाज के लोगों को उन्हें जवाब देना चाहिए।

सवाल : ओवैसी साहब, नौशाद सिद्दीकी और आप तीनों मिलकर एक साथ चुनाव लड़ सकते हैं। क्या आप मुसलमानों का नेतृत्व कर सकते हैं?

जवाब : मैं कोशिश में हूं। ओवैसी साहब समझदार और जाने-माने आदमी हैं। वह संसद सदस्य हैं। वहीं नौशाद सिद्दीकी मेरे बेटे जैसा है; वो भी विधायक है। मुसलमानों को क्या आजादी मिलनी चाहिए? उन्हें साथ में लेकर यह काम करना चाहिए।

सवाल : क्या पश्चिम बंगाल में आप तख्तापलट कर पाएंगे?

जवाब : इस बार तख्तापलट जरूर होगा। आज तक मुसलमान कभी किसी का गुलाम नहीं बना है। मैं सभी जगह ऐलान करूंगा कि मुसलमान को किसी की भी गुलामी नहीं करनी चाहिए।

सवाल : 43 साल से आप राजनीति कर रहे हैं। यहां से 22 विधायक हैं, जिनमें ज्यादातर मुसलमान हैं, लेकिन इसमें किसी को भी मंत्रीपद नहीं दिया गया है। ऐसे में इस बार आपको यहां पर कितने सीटों पर जीतने की आशा है?

जवाब : मेरे ख्याल से नौशाद सिद्दीकी और ओवैसी साहब की पार्टी को साथ लेकर मैं लडूंगा। मुझे उम्मीद है मुर्शिदाबाद में 22 में से 17 सीटों पर हम जीत हासिल करेंगे, जबकि मालदा में 12 सीटों में से 10 सीटों पर जीत मिलेगी। उत्तर दिनाजपुर जिले में 9 सीटों के अंदर 6 सीटों पर जीत मिलेंगी। दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली, पूर्व मिदनापुर और पश्चिम मिदनापुर, पश्चिम बर्धमान, पूर्व बर्धमान, बीरभूम जैसे जगहों पर मैं अपना उम्मीदवार खड़ा करूंगा।

सवाल : मुसलमान समाज से आप क्या कहना चाहेंगे?

जवाब : मुसलमान समाज से मेरी एक अपील है कि उन्हें किसी की गुलामी नहीं करनी चाहिए। उन्हें सिर्फ अल्लाह की गुलामी करनी चाहिए। सभी से मैं यही कहना चाहूंगा।

--आईएएनएस

एससीएच/वीसी