आत्मग्लानि की वजह से राहुल और प्रियंका गांधी 'वंदे मातरम' की चर्चा में नहीं हुए शामिल: संबित पात्रा
नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी के सांसद संबित पात्रा ने 'वंदे मातरम' पर लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के दौरान नेता नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा की गैरमौजूदगी को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये दोनों नेता आत्मग्लानि के कारण सदन में नहीं आए।
'वंदे मातरम' पर प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को ऐतिहासिक बताते हुए संबित पात्रा ने कहा कि पीएम मोदी ने 'वंदे मातरम' को एक प्रबल भावना बताया है। इसके प्रति कांग्रेस के विश्वासघात को उजागर किया है। उन्होंने पीएम मोदी के बयानों को दोहराते हुए कहा, "1937 में कोलकाता में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान पंडित जवाहर लाल नेहरू के कहने पर 'वंदे मातरम' से कई अंश हटा दिए गए थे। यह 'वंदे मातरम' का विभाजन था।"
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, "वंदे मातरम' को एक प्रबल भावना बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पार्टी के 'वंदे मातरम' के प्रति विश्वासघात को उजागर किया है कि किस प्रकार मुस्लिम लीग के नेता मोहम्मद अली जिन्ना ने जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखा था और कोलकाता में पंडित नेहरू के कहने पर बंकिम चंद्र चटोपाध्याय के 'वंदे मातरम' के सीने पर छूरा घोंपा गया।"
संबित पात्रा ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने सदन में अपनी बात रखी और बताया कि जिन्ना के तुष्टिकरण के लिए विभाजन का बीज पंडित नेहरू ने 'वंदे मातरम' के विभाजन के समय बोया था। आगे अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के कारण वही बीज उपजकर भारतवर्ष के विभाजन का कारण बना।"
उन्होंने 'वंदे मातरम' पर चर्चा के दौरान सदन से नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा की गैरमौजूदगी पर कहा, "राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा इस कारण सदन से बाहर रहे, क्योंकि उनके मन के अंदर आत्मग्लानि थी कि आखिरकार उन्हीं के परिवार ने 'वंदे मातरम' के साथ छल किया। वे जानते थे कि इन बातों को सदन में झेल नहीं पाएंगे, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के समय दोनों नहीं दिखे।"
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