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बदायूं में आशा कार्यकर्ता की संदिग्ध हालात में मौत, मक्के के खेत में अर्धनग्न अवस्था में मिला शव, रेप और हत्या की आशंका

 

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से एक बार फिर दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जिले के अलापुर थाना क्षेत्र स्थित खरखोली गांव में मक्के के खेत से एक आशा कार्यकर्ता का शव अर्धनग्न अवस्था में बरामद किया गया है। महिला एक सरकारी टीकाकरण अभियान में हिस्सा लेने गई थी और वापस लौटते समय संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई थी। शव मिलने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है, और पुलिस अब मामले की हर एंगल से जांच में जुट गई है।

टीकाकरण के बाद लौटते वक्त हुई गायब

जानकारी के मुताबिक, मृतक महिला आशा कार्यकर्ता थी, जो मंगलवार को जिले के कुंदन नगला गांव में टीकाकरण कार्य के लिए गई थी। शाम के समय उसे आखिरी बार एक एएनएम (सहायक नर्स दाई) के साथ स्कूटी पर लौटते देखा गया था। इसके बाद वह लापता हो गई और उसका कोई सुराग नहीं मिला। बुधवार सुबह ग्रामीणों को मक्के के खेत में एक महिला का अर्धनग्न शव दिखाई दिया, जिसकी सूचना उन्होंने तुरंत पुलिस को दी।

खेत में अर्धनग्न शव मिलने से दुष्कर्म की आशंका

महिला का शव जिस हालत में मिला, उसे देखकर दुष्कर्म की आशंका भी जताई जा रही है। हालांकि, पुलिस अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है ताकि मौत के कारण की पुष्टि की जा सके। शव की स्थिति और घटनास्थल के हालात को देखते हुए फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया है। पुलिस के मुताबिक, शव के आसपास संघर्ष के कुछ निशान मिले हैं, जिससे यह साफ है कि महिला के साथ कुछ आपराधिक वारदात हुई है।

जमीन विवाद की भी जांच

मृतका के परिवारवालों ने पुलिस को बताया कि गांव के दो लोगों के साथ 1.5 बीघा जमीन को लेकर पुराना विवाद चल रहा था। ऐसे में पुलिस हत्या के पीछे जमीन विवाद को भी एक संभावित वजह मान रही है। परिवार वालों की शिकायत के आधार पर दो संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

जांच के लिए बनीं चार टीमें

घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी देहात, एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप), क्राइम ब्रांच और निगरानी यूनिट की चार विशेष टीमों का गठन किया गया है। पुलिस अधीक्षक ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और जल्द ही मामले का खुलासा करने की बात कही है। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

सुरक्षा पर उठे सवाल

इस जघन्य वारदात ने जिले में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। एक सरकारी योजना के तहत ड्यूटी करने गई महिला के साथ इस प्रकार की घटना ने प्रशासन की तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवालिया निशान लगा दिया है। परिजनों और ग्रामीणों में आक्रोश है, वे दोषियों को सख्त सजा देने की मांग कर रहे हैं।

बदायूं में हुई इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि महिलाएं, चाहे किसी भी पेशे में हों, असुरक्षा की चपेट में हैं। पुलिस पर अब जिम्मेदारी है कि वह इस मामले में निष्पक्ष और सख्त कार्रवाई करे ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।