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आचार्य किशोर कुणाल एक व्यक्ति नहीं, विचारधारा थे: शांभवी चौधरी

 

पटना, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। पटना के ज्ञान भवन में पद्मश्री आचार्य किशोर कुणाल की प्रथम पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इस दौरान डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, मंत्री अशोक चौधरी और लोजपा (राम विलास) सांसद शांभवी चौधरी भी शामिल हुए।

पटना में आईएएनएस से बातचीत में लोजपा (राम विलास) सांसद शांभवी चौधरी ने कहा कि आचार्य किशोर कुणाल एक व्यक्ति नहीं विचारधारा थे। उन्होंने कहा कि आज उनकी पहली पुण्यतिथि है। उनके मूल्य हमेशा हमारे साथ रहेंगे। आज उनकी पहली पुण्यतिथि पर हमने एक कार्यक्रम आयोजित किया है। वह सिर्फ एक व्यक्ति नहीं थे, बल्कि एक पूरी विचारधारा थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन जनसेवा के लिए समर्पित कर दिया। आचार्य किशोर कुणाल की एक अलग विचारधारा थी, और जो लोग उनकी विचारधारा से जुड़े थे या उसे मानते थे, वे आज उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एक साथ आए। हमने उनके जीवन और कार्यों पर चर्चा की तथा विचार-विमर्श किया। यह देखकर अच्छा लगा कि आज भी कई युवा उनके योगदान से प्रेरणा ले रहे हैं। जो लोग उनकी विचारधारा पर चलना चाहते हैं, उनके कार्यों के बारे में चर्चा की गई।

उन्होंने कहा कि एक युवा होने के नाते और बिहार की बेटी होने के नाते उनके लिए बड़ी प्रेरणा है। हम उनके कार्यों को आगे बढ़ाएंगे।

मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि कुणाल साहब की सबसे पहली प्राथमिकता पवित्रता और जनसेवा थी। 2010 में उन्होंने सरवन कुमार पुरस्कार शुरू किया। उनके व्यक्तित्व के बारे में ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है, लेकिन जिस चीज ने उन्हें सच में खास बनाया, वह यह थी कि उन्होंने धर्म को सेवा से जोड़ा। जबकि धर्म में विश्वास जरूरी है, उन्होंने दिखाया कि धर्म को मानवता की सेवा से कैसे जोड़ा जा सकता है—ऐसी सेवा जो जाति और धर्म से परे हो और पूरी तरह करुणा तथा परोपकार पर आधारित हो।

उन्होंने आगे कहा कि वे कुछ भी करते तो लोगों को असंभव लगता था। महावीर कैंसर अस्पताल की स्थापना के समय किसी ने नहीं सोचा था कि इतना बड़ा अस्पताल बनेगा। टाटा मेमोरियल के बाद पटना के महावीर कैंसर अस्पताल में सबसे ज्यादा संख्या में मरीज आते हैं। बच्चों का निशुल्क इलाज होता है। देह त्यागने से पहले उन्होंने बच्चों के कैंसर के इलाज के लिए अलग इकाई का भी शिलान्यास सीएम नीतीश कुमार से करवाया।

--आईएएनएस

डीकेएम/डीएससी