अब एआई जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी से प्रदूषण को किया जाएगा कंट्रोल: मनजिंदर सिंह सिरसा
नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक व्यापक, साल भर चलने वाली रणनीति पर काम कर रही है, जिसमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण, अत्याधुनिक तकनीक और मजबूत प्रशासनिक समन्वय को केंद्र में रखा गया है।
इसी दिशा में दिल्ली सरकार, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) कानपुर के साथ सहयोग की संभावना तलाश रही है, ताकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित एयर क्वालिटी इंटेलिजेंस और डेटा के आधार पर प्रदूषण नियंत्रण के समाधानों को लागू किया जा सके। इस प्रस्तावित सहयोग को लेकर पर्यावरण विभाग द्वारा कार्ययोजना, संस्थागत ढांचे और चरणबद्ध क्रियान्वयन पर मंथन किया जा रहा है।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस पहल पर बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई वैज्ञानिक और रणनीतिक हो। अब निर्णय रियल-टाइम डेटा, प्रदूषण स्रोतों की सटीक पहचान और मापनीय परिणामों के आधार पर लिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित सहयोग का उद्देश्य प्रदूषण के स्रोतों की सूक्ष्म स्तर पर पहचान, उनके प्रभाव का वैज्ञानिक आकलन और विभिन्न क्षेत्रों में लक्षित व समयबद्ध कार्रवाई को सक्षम बनाना है। इसके तहत ऐसे सिस्टम विकसित किए जाएंगे जो निरंतर मॉनिटरिंग, विश्लेषण, पूर्वानुमान और कार्रवाई को दिशा दे सकें।
मंत्री ने आगे कहा कि प्रदूषण नियंत्रण कोई मौसमी अभियान नहीं हो सकता। दिल्ली को 365 दिनों का ऐसा एक्शन फ्रेमवर्क चाहिए, जिसमें तकनीक, शासन और प्रवर्तन पूरी तरह समन्वित हों और हर निर्णय डेटा-आधारित हो।
उन्होंने कहा कि इस रणनीति का एक प्रमुख आधार डायनामिक सोर्स अपॉर्शनमेंट है, जिसके माध्यम से धूल, परिवहन, उद्योग, बायोमास जलाने और क्षेत्रीय कारकों से होने वाले प्रदूषण का वैज्ञानिक निर्धारण किया जाएगा। इससे एजेंसियां सामान्य प्रतिबंधों की बजाय सीधे प्रदूषण के मूल कारणों पर कार्रवाई कर सकेंगी। प्रस्तावित मॉडल में बहु-एजेंसी समन्वय पर भी विशेष जोर दिया गया है, ताकि नगर निगम, जिला प्रशासन, प्रवर्तन एजेंसियां और तकनीकी संस्थान एक साझा डेटा प्लेटफॉर्म पर काम करें, जहां जिम्मेदारियां स्पष्ट हों और जवाबदेही तय हो।
सिरसा ने कहा कि जब सभी एजेंसियां एक ही वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर काम करती हैं, तो कार्रवाई तेज, सटीक और प्रभावी होती है। हमारा लक्ष्य दिल्ली को ‘फायरफाइटिंग’ से निकालकर वास्तविक रोकथाम की ओर ले जाना है। दिल्ली सरकार फिलहाल चार प्रमुख मोर्चों—व्हीकुलर एमिशन, धूल नियंत्रण, प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग और कचरा प्रबंधन—पर एक साथ सख्त कार्रवाई कर रही है।
निर्माण स्थलों पर कड़े डस्ट नॉर्म्स, मैकेनिकल रोड स्वीपिंग, एंटी-स्मॉग गन्स और इलेक्ट्रिक पोल्स पर मिस्ट स्प्रे सिस्टम के जरिए हवा में उड़ने वाले कणों को नियंत्रित किया जा रहा है। जिला मजिस्ट्रेट और डिविजनल कमिश्नर के नेतृत्व में सर्वे के माध्यम से प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर सीलिंग और बंदी की कार्रवाई जारी है। वहीं, सभी लैंडफिल साइट्स पर बायो-माइनिंग के जरिए प्रतिदिन लगभग 35 मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट का निपटान किया जा रहा है।
--आईएएनएस
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