गुजरात: केएसवाई के तहत राज्य के 98 प्रतिशत से अधिक गांवों को मिल रही दिन में बिजली
गांधीनगर, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सुशासन का उद्देश्य किसानोन्मुखी योजनाओं और पहलों को पारदर्शी एवं प्रभावी ढंग से किसानों तक पहुंचाना है। किसान भारत की रीढ़ हैं और भारत का विकास तभी संभव है, जब किसान समृद्ध, सुरक्षित एवं आत्मनिर्भर हों। गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के सुदृढ़ सुशासन के अंतर्गत राज्य सरकार किसानोन्मुखी योजनाएं सभी किसानों तक सफलतापूर्वक पहुंचा रही हैं और इसका श्रेष्ठ उदाहरण है किसान सूर्योदय योजना (केएसवाई), जिसके जरिए आज राज्य के 17,018 गांवों यानी 98.66 प्रतिशत गांवों को दिन में बिजली का लाभ मिल रहा है। इस योजना के अंतर्गत गुजरात के 19.69 लाख किसानों को दिन में बिजली मिलने लगी है।
किसानों को दिन में विद्युत आपूर्ति करने की गुजरात की सफलता के विषय में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कृषि हितकारी नीतियों एवं किसानों के प्रति संवेदना के कारण आज राज्य के लगभग 98 प्रतिशत किसानों को दिन में बिजली मिलने लगी है। जो बाकी हैं, उन्हें भी मार्च 2026 तक दिन में बिजली मिलने लगेगी और यह मिशन पूरा किया जाएगा। प्रधानमंत्री का यह एक बहुत बड़ा निर्णय था, जिसे हम पूरा कर सके। यह हम सबके लिए आनंद की बात है। किसानों को पर्याप्त पानी तथा बिजली मिलने के कारण राज्य के कृषि क्षेत्र की तसवीर समग्रतया बदल गई है और किसान समृद्ध हुए हैं।”
किसान सूर्योदय योजना (केएसवाई) वर्ष 2020 में लागू की गई थी, जिसका उद्देश्य सुबह 5 से रात 9 बजे तक दो स्लॉट में (सुबह 5 से दोपहर 1 बजे तक का स्लॉट तथा दोपहर 1 से रात 9 बजे तक का स्लॉट) में विद्युत आपूर्ति करना था। हालांकि, योजना लागू किए जाने के बाद कृषि क्षेत्र के लिए विद्युत आपूर्ति की समयसारिणी को सूर्य प्रकाश के घण्टों के हिसाब से अधिक कार्यक्षम बनाया जाना आवश्यक प्रतीत हुआ, जिससे सिंगल शिफ्ट का कॉन्सेप्ट प्रकाश में आया। इस कॉन्सेप्ट के तहत किसानों को सूर्य प्रकाश के घंटों के दौरान विशेषकर सुबह 7 से शाम 5 बजे तक कृषि के लिए बिजली पहुंचाई जाती है। सौर ऊर्जा को इस प्रकार एकीकृत किए जाने से अधिक मांग की समयावधि के दौरान ग्रिड पर लोड कम होता है, जिससे कृषि के लिए टिकाऊ एवं विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होती है।
हाल में इस योजनांतर्गत राज्य के 17,018 गांवों (98.66 प्रतिशत) को दिन में बिजली पहुंचाई जा रही है और राज्य के 98 प्रतिशत सबस्टेशनों को डे-टाइम यानी दिन के समय में शिफ्ट किया गया है। शेष 231 गांवों को इस योजनांतर्गत लाने के लिए शेष 45 रोटेशनल सबस्टेशनों की शिफ्टिंग का कार्य प्रगत्याधीन है। उल्लेखनीय है कि इस योजनांतर्गत 40 नए सबस्टेशन स्थापित करने, 4640.73 सर्किट किलोमीटर (सीकेएम) की ट्रांसमिशन लाइनें डालने और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 3927.72 सर्किट किलोमीटर (सीकेएम) के एमवीसीसी कार्य के लिए राज्य सरकार द्वारा 5353.62 करोड़ रुपए का कुल खर्च किया गया है।
वर्ष 2026-27 में दिन के दौरान कृषि विद्युत आपूर्ति के लिए गुजरात एनर्जी ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन (जेटको) ने लगभग पांच सबस्टेशनों तथा 1100 सीकेएम ट्रांसमिशन नेटवर्क को मजबूत बनाने की योजना है, जिसका अनुमानित खर्च 1000 करोड़ रुपए है। इसके अतिरिक्त, वर्ष 2026-27 में डिसकॉम के लिए एबी केबल/एमवीसीसी डालने का अनुमानित खर्च 375 करोड़ रुपए है।
हिम्मतनगर तहसील के कांकरोल गांव के किसान जयेश पटेल, जो हिम्मतनगर मंडी के अध्यक्ष भी हैं, कहते हैं, “पहले किसानों को रात में बिजली मिलती थी, जिसके कारण रात में पानी छोड़ने जाने में तकलीफ होती थी। पानी का व्यय भी बहुत होता था और रात में जानवरों का भी डर रहता था। अब किसान सूर्योदय योजना के अंतर्गत पिछले 2 वर्षों से हमें दिन में बिजली मिलती है, जिसके माध्यम से इन सभी समस्याओं का निवारण हो गया है। अब किसानों को खेतों में उचित समय पर उचित मात्रा में पानी मिल जाता है और समय की भी बचत होती है। इसके लिए मैं देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का समग्र हिम्मतनगर तहसील के किसानों की ओर से आभार मानता हूं।”
बता दें कि किसान सूर्योदय योजना के क्रियान्वयन से किसानों को दिन में बिजली मिलने के कारण वे दिन के दौरान उचित समय पर खेत में अच्छी तरह सिंचाई कर पाते हैं और अधिक फसल उत्पादन प्राप्त कर पाते हैं, जो किसानों की आर्थिक समृद्धि में परिणामित होता है। ट्रांसमिशन इन्फ्रास्ट्रक्चर के निरंतर सुदृढ़ीकरण के साथ राज्य सरकार किसान सूर्योदय योजना का चरणबद्ध क्रियान्वयन जारी रखेगी, जो दिन के समय विश्वसनीय एवं टिकाऊ विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।
--आईएएनएस
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