श्यामन: यूनेस्को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत संरक्षण अंतरसरकारी समिति का 21वां सत्र आयोजित
बीजिंग, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत संरक्षण अंतरसरकारी समिति के 20वें सत्र ने 12 दिसंबर को यह निर्णय लिया कि समिति का 21वां सत्र 30 नवंबर से 5 दिसंबर 2026 तक, दक्षिणी चीन के फूच्येन प्रांत के श्यामन शहर में आयोजित किया जाएगा।
संबंधित निर्णय पारित होने के बाद उपस्थित विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने चीन के श्यामन में आयोजित होने वाले स्थायी समिति के 21वें सत्र के लिए अपनी उच्च उम्मीदें व्यक्त कीं।
आपको बता दें कि यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत संरक्षण अंतरसरकारी समिति, "अमूर्त सांस्कृतिक विरासत संरक्षण संधि" की वैधानिक संस्था है। इसकी नियमित बैठक वर्ष में एक बार होती है। इसके मुख्य दायित्वों में संधि के कार्यान्वयन की निगरानी करना, संधि के परिचालन के लिए दिशा-निर्देश विकसित करना, सदस्य देशों की नियमित रिपोर्टों की समीक्षा करना और यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची, रजिस्टर और अंतर्राष्ट्रीय सहायता के लिए आवेदनों का मूल्यांकन करना शामिल है।
11 दिसंबर को, नई दिल्ली में आयोजित स्थाई समिति के 21वें सत्र में चीन की हेजे जातीय 'यीमाकान' गायन वाचन कला को तत्काल संरक्षण की आवश्यकता वाली अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची से मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया था, और 'हेजे जातीय यीमाकान संरक्षण योजनाट को उत्कृष्ट संरक्षण प्रथाओं की सूची में भी स्थान दिया था। इस नए समावेश के साथ-साथ, अब तक चीन के कुल 45 सांस्कृतिक तत्व यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूचियों और रजिस्टर में दर्ज हो चुके हैं, जिससे चीन वह देश बन गया है, जहां 'अमूर्त सांस्कृतिक विरासत' के रूप में सूचीबद्ध वस्तुओं की संख्या सबसे अधिक है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
--आईएएनएस
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