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2026 में जवाबदेही की दिशा तय करेगा दिल्ली विधानसभा का शीतकालीन सत्र: विजेंद्र गुप्ता

 

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। जब दिल्ली विधानसभा का शीतकालीन सत्र जनवरी के आरंभ में शुरू होगा, तब यह ऐसे समय में हो रहा होगा जब शासन और प्रशासन से जवाबदेही की अपेक्षाएं पहले से कहीं अधिक प्रबल हैं। वर्ष 2026 का यह पहला विधान सत्र केवल एक औपचारिक कैलेंडर प्रक्रिया न होकर, प्रशासनिक कार्यप्रणाली और प्रदर्शन की समीक्षा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जा रहा है।

दिल्ली विधानसभा सचिवालय की तरफ से जारी प्रेस नोट में कहा गया कि विधानसभा सत्र के रूप में इस शीतकालीन सत्र का विशेष महत्व है। विकास कार्यों की प्रगति, प्रशासनिक दक्षता, और वित्तीय अनुशासन जैसे विषयों के केंद्र में रहने की संभावना है। सीमित अवधि और बढ़ती जन अपेक्षाओं के बीच यह सत्र विस्तृत बहसों की बजाय केंद्रित विधायी समीक्षा के रूप में सामने आने की संभावना है।

शीतकालीन सत्र की औपचारिक शुरुआत 5 जनवरी 2026 को सुबह 11 बजे दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के अभिभाषण से होगी, जिसके बाद सदन की नियमित कार्यवाही शुरू होगी। यह सत्र 8 जनवरी 2026 तक चलेगा। उद्घाटन दिवस पर कार्यवाही सुबह शुरू होगी, जबकि शेष दिनों में बैठकें दोपहर 2:00 बजे से शुरू होंगी।

दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने शीतकालीन सत्र के दौरान रचनात्मक सहभागिता के महत्व पर बल देते हुए कहा कि विधायी समीक्षा और सार्थक बहस लोकतांत्रिक शासन को सुदृढ़ करने के मूल आधार हैं। उन्होंने सदस्यों से अनुशासन, तैयारी और प्रक्रियाओं के पालन के साथ जनहित से जुड़े मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाने की अपेक्षा व्यक्त की, जिससे सरकार से स्पष्टता प्राप्त हो सके और सूचित निर्णय-निर्माण को बढ़ावा मिले।

सत्र के दौरान नियम-280 के अंतर्गत विशेष उल्लेखों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहने की संभावना है। संख्या और विषयवस्तु पर निर्धारित सीमाओं के चलते, ये विशेष उल्लेख प्रशासनिक कमियों और जनहित से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को सटीक रूप से उजागर करने का माध्यम बनेंगे। उठाए गए विषय आगामी वर्ष की विधायी प्राथमिकताओं के संकेत भी देंगे।

सत्र की एक प्रमुख विशेषता प्रश्नकाल पर विशेष जोर रहेगा, जो लगातार तीन दिनों तक आयोजित किया जाएगा। स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, जल, परिवहन, वित्त और शहरी विकास जैसे प्रमुख सेवा-प्रदाय विभागों से संबंधित प्रश्नों के माध्यम से सदस्य शासन से समयबद्ध और स्पष्ट उत्तर प्राप्त करने का प्रयास करेंगे।

--आईएएनएस

एमएस/डीकेपी