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दिलीप सभी आरोपों से बरी, वीडियो में देखें मलयालम अभिनेत्री पर 2017 हमले मामले में 9 साल बाद फैसला

 

मलयालम फ़िल्म इंडस्ट्री को हिला देने वाले 2017 के अपहरण और हमले के हाई-प्रोफाइल मामले में बड़ा फैसला आया है। केरल के एर्नाकुलम सेशन कोर्ट ने सोमवार को इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता दिलीप को सभी आरोपों से बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को संदेह से परे साबित करने में विफल रहा है।

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यह मामला 17 फरवरी 2017 का है, जब मलयालम अभिनेत्री देवकी (पीड़िता का नाम बदलकर) ने शिकायत दर्ज कराई थी कि फिल्म प्रमोशन के लिए जाते समय उनकी कार को पांच लोगों ने रोककर कथित रूप से अंदर घुसपैठ की और यात्रा के दौरान उनके साथ गंभीर अपराध किए। शिकायत में कहा गया कि आरोपी घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग भी कर रहे थे। बाद में पीड़िता को कथित रूप से एक निर्देशक के घर पर छोड़ दिया गया।

दिलीप पर साजिश में शामिल होने का आरोप

मामले की जांच के दौरान नाम उभरने के बाद अभिनेता दिलीप को जुलाई 2017 में गिरफ्तार किया गया था। उन पर इस घटना की साजिश रचने का आरोप था। हालांकि, गिरफ्तारी के लगभग दो महीने के भीतर उन्हें जमानत मिल गई थी। अप्रैल 2017 में पहली चार्जशीट दाखिल की गई थी।

करीब 9 वर्षों तक चले ट्रायल में सैकड़ों गवाहों के बयान दर्ज किए गए और कई दौर की सुनवाई हुई। इस मामले ने फ़िल्म इंडस्ट्री, महिला संगठनों और जनमानस में बड़ा प्रभाव डाला था।

मुख्य आरोपी पल्सर सुनी दोषी करार

अदालत ने मुख्य आरोपी पल्सर सुनी सहित छह लोगों को आपराधिक साजिश, अपहरण और हमले के गंभीर आरोपों में दोषी करार दिया है। इन सभी पर पीड़िता के साथ आपराधिक कृत्यों में सीधा शामिल होने के आरोप थे। दोषियों को सज़ा पर अगली सुनवाई में फैसला होगा।

‘मेरे खिलाफ साजिश रची गई थी’ — दिलीप

निर्दोष ठहराए जाने के बाद दिलीप ने मीडिया से कहा कि यह मामला उनके खिलाफ रची गई एक साजिश का हिस्सा था। उन्होंने दावा किया कि यह विवाद तब शुरू हुआ जब उनकी पूर्व पत्नी मंजू वारियर ने ‘क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी’ से संबंधित बयान सामने रखे।

दिलीप ने कहा, “मैंने हमेशा न्याय व्यवस्था पर भरोसा रखा। सच सामने आ गया है और अदालत ने मुझे कोई अपराधी नहीं माना।”

पीड़िता की ओर से प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा

घटना की शिकायत कराने वाली अभिनेत्री देवकी ने पहले कई मौकों पर कहा था कि न्याय मिलना ही उनकी सबसे बड़ी उम्मीद है। फैसले पर उनकी औपचारिक प्रतिक्रिया का इंतजार है। महिला अधिकार संगठनों ने कहा है कि वे फैसले का विस्तृत अध्ययन कर आगे रणनीति बनाएंगे।

इंडस्ट्री पर पड़े प्रभाव की चर्चा

इस मामले ने न सिर्फ फिल्म जगत की कार्यशैली पर सवाल उठाए, बल्कि केरल फिल्म इंडस्ट्री में महिला सुरक्षा और अधिकारों को लेकर व्यापक बहस शुरू की थी। इसी प्रकरण के बाद कई अभिनेत्रियों ने Women in Cinema Collective (WCC) के मंच पर अपनी आवाज उठाई थी।