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Kabir Das Biography in Hindi: पढ़िए कबीर दास के प्रेरक दोहे! पता चलेगा जीवन जीने का सही तरीका क्या है?

 

Kabir Das Anmol Vichar: महान संत कबीर दास का जीवन हमें सत्य, प्रेम और आध्यात्मिक मार्ग पर चलने को लेकर प्रेरित करते हैं चलिए, आज उनके अनमोल विचार पड़ते हैं...

सात समंदर की मसि करौं लेखनि सब बनाई।
धरती सब कागद करौं हरि गुण लिखा न जाई॥

उठा बगुला प्रेम का तिनका चढ़ा अकास। 
तिनका तिनके से मिला तिन का तिन के पास॥  

बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर। 
पंथी को छाया नहीं फल लागे अति दूर॥  

दुःख में सुमिरन सब करें सुख में करै न कोय। 
जो सुख में सुमिरन करे तो दुःख काहे होय॥

रात गंवाई सोय के, दिवस गंवाया खाय। 
हीरा जनम अमोल है, कोड़ी बदली जाय॥

माया मरी न मन मरा, मर-मर गए शरीर। 
आशा तृष्णा ना मरी, कह गए दास कबीर॥  

कबीरा ते नर अंध है, गुरु को कहते और।
हरि रूठे गुरु ठौर है, गुरु रूठे नहीं ठौर॥

साईं इतना दीजिए, जा मे कुटुम समाय। 
मैं भी भूखा न रहूं, साधु ना भूखा जाय॥

गुरु गोविंद दोऊं खड़े, काके लागूं पांय। 
बलिहारी गुरु आपकी, गोविंद दियो बताय॥  

माटी कहे कुम्हार से, तू क्या रौंदे मोय। 
एक दिन ऐसा आएगा, मैं रौंदूगी तोय॥