Javed Akhtar Biography in Hindi: सदी के सबसे बड़े शायर, फिल्म स्क्रिप्ट राइटर और गीतकार जावेद अख़्तर का जीवन परिचय
हिंदी सिनेमा के गीतों को अपनी कलम से जादुई अंदाज़ देने वाले जावेद अख्तर को कौन नहीं जानता। ग़जलों को एक नया और आसान रूप देने में जावेद साहब का बहुत बड़ा योगदान है। सलीम खान और जावेद अख्तर ने शोले, ज़ंजीर और न जाने कितनी कालजयी फ़िल्मों की पटकथा भी लिखी है। इस जोड़ी को सिनेमा में सलीम-जावेद के नाम से भी जाना जाता है। जावेद साहब को वर्ष 1999 को पद्म भूषण और 2007 में पद्म भूषण से नवाजा जा चुका है, तो आईये जाने इनके जीवन के बारे में विस्तार से....
| नाम (Name) | जावेद अख्तर (Javed Akhtar) |
|---|---|
| उपनाम (Nickname) | जादू |
| जन्म (Birth) | 17 जनवरी 1945 |
| जन्म स्थान (Birth Place) | ग्वालियर, मध्य प्रदेश |
| गृहनगर (Hometown) | लखनऊ, उत्तर प्रदेश |
| आयु (Age) | 78 वर्ष |
| पेशा (Occupation) | गीतकार, राजनीतिक कार्यकर्ता, कवि, पटकथा लेखक |
| डेब्यू (Debut) | पटकथा लेखक के रूप में (सलीम खान के साथ) फिल्म – अंदाज़ (1971) पटकथा लेखक (सोलो) के रूप में फिल्म – बेताब (1983) गीतकार के रूप में फिल्म – सिलसिला (1981) |
| हाइट (Height) | 5 फिट, 5 इंच |
| वजन (Weight) | 70 kg |
| स्कूल (School) | कॉल्विन तालुकदार्स कॉलेज, लखनऊ सैफिया कॉलेज, भोपाल |
| शिक्षा (Education) | स्नातक |
| वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
| धर्म (Religion) | नास्तिक |
| राष्ट्रीयता (Nationality) | भारतीय |
जावेद अख्तर की संक्षिप्त जीवनी | Short Biography of Javed Akhtar
जावेद अख्तर, भारतीय कवि, गीतकार और पटकथा लेखक हैं. उनकी गिनती देश के शीर्ष कवियों में होती है और उन्होंने हिन्दी फिल्मों के लिए कई बेहतरीन गाने लिखे हैं. अगर उन्हें कलम का जादूगर कहा जाए तो यह अतिश्योक्ति नहीं होगी. जावेद ने सलीम खान के साथ मिलकर 1971 से 1982 के दौर में हिन्दी सिने जगत को कई हिट फिल्में दी हैं. सलीम-जावेद के नाम से इस जोड़ी ने करीब 24 फिल्मों की पटकथा लिखी और उनमें से 20 फिल्में जबरदस्त हिट रहीं. सलीम-जावेद की सबसे बड़ी हिट फिल्म शोले रही. सलीम खान से अलग होने के बाद से जावेद गाने लिखने लगे और आज वह बहुत सफल गीतकार हैं. जावेद को उनके बेहतरीन काम के लिए अब तक पद्म श्री, पद्म भूषण, साहित्य एकेडमी और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. वर्ष 2009 में जावेद को राज्य सभा के सदस्य के तौर पर भी मनोनीत किया गया था.
जावेद अख्तर का जन्म | Javed Akhtar Birth
इनका जन्म 17 जनवरी, 1945 को ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ था। पिता जान निसार अख़्तर प्रसिद्ध प्रगतिशील कवि और माता सफिया अख़्तर मशहूर उर्दू लेखिका तथा शिक्षिका थीं। इनके बचपन का नाम 'जादू जावेद अख़्तर' था। बचपन से ही शायरी से जावेद अख़्तर का गहरा रिश्ता था। उनके घर शेरो-शायरी की महफिलें सजा करती थीं जिन्हें वह बड़े चाव से सुना करते थे। जावेद अख़्तर ने ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव को बहुत क़रीब से देखा था, इसलिए उनकी शायरी में ज़िंदगी के फसाने को बड़ी शिद्दत से महसूस किया जा सकता है।
जावेद अख्तर का प्रारंभिक जीवन | Javed Akhtar Early Life
जावेद अख्तर का जन्म 1945 में ग्वालियर में हुआ था। उनके पिता जान निसार अख्तर बॉलीवुड फिल्म गीतकार और उर्दू कवि थे। उनके दादा मुज़्तर खैराबादी एक कवि थे। जावेद अख्तर का मूल नाम जादू था, जो उनके पिता द्वारा लिखी गई कविता की एक पंक्ति से लिया गया था। उन्हें जावेद का आधिकारिक नाम दिया गया था। क्योंकि यह जादू शब्द के सबसे निकट था। अख्तर के चाचा, असरार-उल-हक “मजाज” भी एक उर्दू कवि थे। उनके चाचा, अंसार हरवानी, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सदस्य और संसद के निर्वाचित सदस्य थे। अख्तर की चाची, हमीदा सलीम, एक भारतीय लेखिका, अर्थशास्त्री और शिक्षिका भी थीं।
इनके सर से माँ का साया बचपन में ही उठ गया था। इसके बाद उनके पिता ने दूसरा निकाह कर लिया था जिसके चलते इन्होने अपना बचपन अपन नाना-नानी का घर लखनऊ में बिताया, उसके बाद इन्हे इनके मौसी के घर अलीगढ भेज दिया गया। जहाँ से इन्होने अपनी शुरुआती पढाई लिखाई पूरी की। इनके माँ के इंतकाल के बाद इनके पिता ने दूसरी शादी कर ली। और जावेद भी अब अपने सौतेली माँ के पास भोपाल में रहने लगे। और भोपाल के ही सैफिया कॉलेज से स्नातक की शिक्षा पूरी की।
जावेद अख्तर के माता-पिता एवं परिवार | Javed Akhtar Family
जावेद अख्तर के पिता का नाम जान निसार अख्तर था और वह बॉलीवुड के जाने-माने सॉन्ग राइटर थे, जावेद अख्तर की मां का नाम साफिया अख्तर था और वह बॉलीवुड के कई गानों में अपनी आवाज दे चुकी है और वह एक जानी-मानी गायिका थी। जावेद अख्तर के दो भाई हैं जिनका नाम सलमान अख्तर और शाहिद अख्तर है वहीं जावेद अख्तर की दो बहने भी हैं जिनका नाम उनेजा अख्तर और अलबीजा अख्तर है।
| पिता (Father’s Name) | जान निसार अख्तर (गीतकार और कवि) |
|---|---|
| दादा (Grand Father) | मुज़्तर खैराबादी (कवि) |
| माता (Mother’s Name) | साफिया अख्तर (संगीतकार) |
| भाई (Sibling) | सलमान अख्तर, शाहिद अख्तर |
| बहन (Sister) | उनेजा अख्तर, अलबिना शर्मा |
| पहली पत्नी (First Wife) | हनी ईरानी -1972 (पटकथा लेखक और निर्देशक) |
| दूसरी पत्नी (Second Wife) | शबाना आजमी – 1984 (अभिनेत्री) |
| पुत्र (Son) | फरहान अख्तर |
| बेटी (Daughter) | जोया अख्तर |
ऊंचाई एवं शारीरिक शिक्षा | Javed Akhtar Body Measurements
जावेद अख्तर की लंबाई 165 सेंटीमीटर है और उनका वजन 75 किलोग्राम के आसपास है जावेद अख्तर की आवाज बेहद खूबसूरत है जिसके कारण जब वह गजल सुनाते हैं तो लोग उनके गजलों के दीवाने हो जाते हैं। जावेद अख्तर ने कई लाइव कार्यक्रम में अपने गजल पेश की है और वह दुनिया में हर जगह अपनी गजलों को सुनाने के लिए जाया करते थे।
जावेद अख्तर शिक्षा | Javed Akhtar Education
उन्होंने अपना अधिकांश बचपन लखनऊ में बिताया और कॉल्विन तालुकदार्स कॉलेज, लखनऊ में शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने भोपाल के सैफिया कॉलेज से स्नातक किया।
जावेद अख्तर की पत्नी | Javed Akhtar Wife
जावेद अख्तर कुल 2 बार शादी कर चुके है। इनकी पहली पत्नी हनी ईरानी से इनकी शादी साल 1972 में हुई थी, इनकी मुलाकात फिल्म सीता और गीता के सेट पर हुई थी। हालाकिं इस जोड़ी का तलाक वर्ष 1985 में ही हो गया था। जानकारी के लिए आपको बता हनी और जावेद अख्तर का बर्थडे एक ही दिन 17 जनवरी को पड़ता है।
जावेद अख्तर वाइफ की पहली वाइफ | Javed Akhtar Wife First Wife
अख्तर की शादी हनी ईरानी (पहली पत्नी) से हुई थी, जिनसे उन्हें दो बच्चे हुए, फरहान अख्तर (एक फिल्म अभिनेता, निर्माता, निर्देशक) और जोया अख्तर (एक फिल्म लेखक, निर्देशक और निर्माता)। पिता-पुत्र की जोड़ी ने दिल चाहता है, लक्ष्य, रॉक ऑन, जैसी फिल्मों में और ज़ोया के साथ ज़िंदगी ना मिलेगी दोबारा में साथ काम किया है।
जावेद अख्तर वाइफ की दूसरी वाइफ | Javed Akhtar Wife Second Wife
अख्तर ने उर्दू कवि कैफ़ी आज़मी की बेटी शबाना आज़मी (दूसरी पत्नी) से शादी की थी। इन्होंने दूसरी शादी बॉलीवुड की खूबसूरत अभिनेत्री शबाना आजमी से किया था और इन दोनों की एक बेटी है जिनका नाम कैफी आज़मी है दूसरी शादी करने के बाद जावेद अख्तर ने अपनी पहली पत्नी हनी ईरानी को तलाक दे दिया था।
जावेद अख्तर का पारिवारिक जीवन | Family Life of Javed Akhtar
फिल्म सीता और गीता के सेट पर जावेद की मुलाकात हनी ईरानी से हुई और दोनों में प्यार हो गया. विवाह बंधन में बंधने के बाद जावेद और हनी के दो बच्चे हुए, फरहान और जोया. जावेद अपने पसंदीदा कवि कैफी आजमी के घर अक्सर आया जाया करते थे. इस दौरान उनकी कैफी आजमी की बेटी शबाना आजमी से दोस्ती प्यार में बदल गई. जब जावेद की पत्नी हनी को इस बारे में पता चला तो उन्होंने जावेद को छोड़ दिया. तलाक के बाद जावेद ने वर्ष 1984 में अभिनेत्री शबाना आजमी से शादी कर ली. मुस्लिम परिवार में जन्मे जावेद बाद में नास्तिक हो गए और उन्होंने अपने दोनों बच्चों की परवरिश भी ऐेसे ही की है. जावेद के बेटे फरहान अख्तर सफल निर्माता, निर्देशक, अभिनेता, लेखक और गायक हैं. फरहान ने दिल चाहता है, लक्ष्य, रॉक ऑन जैसी फिल्में बनाई हैं, वहीं भाग मिल्खा भाग जैसी सुपरहिट फिल्मों में अभिनय भी किया है. वहीं जावेद की बेटी जोया ने जिंदगी न मिलेगी दोबारा जैसी सुपरहिट फिल्म दी है.
जावेद अख्तर की पसंदीदा चीजें | Javed Akhtar Favorite Things
- शौक – क्रिकेट देखना
- कविता पसंद करते है – अली सरदार जाफरी द्वारा “मेरा सफर”
- पसंदीदा कवि – कैफ़ी आज़मी
- पसंदीदा अभिनेता – दिलीप कुमार
- पसंदीदा गीत लेखक – साहिर लुधियानवी
- भोजन पसंद करते है – कबाब और वनीला आइसक्रीम
जावेद अख्तर का करियर | Javed Akhtar Career
बचपन की दिनों से ही जावेद पाकिस्तानी लेखक Ibn-e-Safi’s (असरार अहमद) के उर्दू नॉवेल से काफी प्रभावित थे। इसके आलावा जावेद कई सारी डिटेक्टिव नोवेल्स जैसे की जासूसी दुनिया, द हाउस ऑफ़ फियर इत्यादि पढ़ा करते थे । ये सब पढ़कर जावेद ने अपना बचपन गुजारा जिसके वजह से इनका इंटरेस्ट शेरो शायरी, ग़ज़ल, गीत, संगीत, की दुनिया में धीरे धीरे बढ़ता चला गया।
जावेद की फ़िल्मी दुनिया में एंट्री हुई सरहदी लुटेरा फिल्म से जहाँ पर ये क्लैपर बॉय के तौर पर काम कर रहे थे। यही पे इनके मुलाकात सलीम खान से हुई। इस फिल्म के निर्देशक एस.एम. सागर एक स्क्रीनराइटर के तलाश में थे। और ये तलाश जा कर ख़त्म हुई जावेद अख्तर पर। जिसे जावेद ने तुरंत हाँ कर दी। इस फिल्म में साथ काम करते करते सलीम खान और जावेद अख्तर की अच्छी खाशी दोस्ती हो गयी। और धीरे धीरे ये दोस्ती गहरी होती चली गयी। बाद में यही जोड़ी सलीम-जावेद के नाम से मशहूर हो गयी। इस जोड़ी के द्वारा कमाल के फिल्म के पटकथा लिखे गए। शोले, जंजीर, दिवार, हाथी मेरा साथी, सीता और गीता, यादों की बारात, डॉन इत्यादि फिल्मो की पटकथा लिख सलीम जावेद की जोड़ी ने बॉलीवुड में कहर मचा दिया था। हिंदी सिनेमा जगत में इस जोड़ी को सबसे सफलतम पटकथा लेखक के तौर पर माना जाता है। हालाकिं ये जोड़ी साल 1982 में टूट गयी थी।इसके बाद जावेद अख्तर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपने जादुई कलम से हिंदी फ़िल्मी दुनिया में काफी प्रसिद्ध पायी।
जावेद अख्तर बॉलीवुड के मशहूर गजल गायक रह चुके हैं और उन्होंने 1971 में रिलीज हुई राजेश खन्ना की मशहूर फिल्म अंदाज की कहानी लिखा था। इस फिल्म की सफलता के बाद 1971 में ही उन्होंने मुकेश कुमार की फिल्म अधिकार की भी कहानी लिखा और यह फिल्म भी सफलता की बुलंदियों पर पहुंच गया था। इसके बाद जावेद अख्तर को कई बड़ी फिल्मों में कहानियां लिखने के लिए ऑफर आने लगे और उन्होंने इसके बाद 1971 में ही राजेश खन्ना की आई दूसरी फिल्म हाथी मेरे साथी की कहानी लिखा जो कि आज भी फिल्म बॉलीवुड में काफी दिलचस्पी से देखा जाता है।
1972 में फिल्म सीता और गीता और 1973 में फिल्म यादों की बारात सुपरहिट साबित हुई थी और इन फिल्मों को बॉलीवुड की एवरग्रीन फिल्मों में से एक कहा जाता है। इन फिल्मों की सफलता के बाद जावेद अख्तर ने अमिताभ बच्चन के कैरियर की सुपरहिट फिल्म जंजीर में काम किया और यह फिल्म 1973 में रिलीज होने के बाद बॉलीवुड की सभी फिल्मों को रिकॉर्ड तोड़ते हुए अपार सफलता हासिल करने में कामयाब हुई थी।
1975 में रिलीज हुई अमिताभ बच्चन और शशि कपूर की मशहूर फिल्म दीवार की कहानी भी जावेद अख्तर ने ही लिखा था और इस फिल्म के डायलॉग आज भी लोगों की जुबान पर तैरते रहते हैं। 1975 में ही रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनाई गई अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, जया बच्चन और हेमा मालिनी की मशहूर फिल्म शोले का स्क्रीन्राइटिंग भी जावेद अख्तर ने ही किया था और यह फिल्म बॉलीवुड इतिहास की सबसे मशहूर फिल्म मानी जाती है और इस फिल्म के डायलॉग आज भी बॉलीवुड की और फिल्मों में कॉपी किया जाता है।
जावेद अख्तर ने अपने बेटे फरहान अख्तर के निर्देशन में बनाई गई कई फिल्मों की कहानियों को लिखा है जिसकी वजह से जावेद अख्तर को काफी प्रसिद्धि मिली है। जावेद अख्तर केवल फिल्मों में स्क्रीन्राइटर तक ही सीमित नहीं रहे और उन्होंने कई फिल्मों में गानों के लिरिक्स भी लिखें जिसमें उन्होंने अपनी पहली ही फिल्म 1981 में रिलीज हुई सिलसिला के गानों से लोगों को काफी रोमांचित किया था और इस फिल्म के गानों में के लिरिक्स आज भी लोग काफी दिलचस्पी से सुनते हैं।
जावेद अख्तर का फ़िल्मी करियर | Javed Akhtar Bollywood Career
सलीम खान और जावेद अख्तर को हाथी मेरे साथी में काम की पेशकश करके पटकथा लेखक बनने का पहला मौका देने का श्रेय राजेश खन्ना को जाता है। उनकी पहली बड़ी सफलता अंदाज़ की पटकथा थी। उसके बाद अधिकार (1971), हाथी मेरे साथी और सीता और गीता (1972) में आई। उन्होंने यादों की बारात (1973), जंजीर (1973), हाथ की सफाई (1974), दीवार (1975), शोले (1975), चाचा भतीजा (1977), डॉन (1978), त्रिशूल (1978), दोस्ताना (1980), क्रांति (1981), ज़माना (1985) और मिस्टर इंडिया (1987) जैसी हिट फिल्में भी दीं। उन्होंने 24 फिल्मों में एक साथ काम किया है, जिनमें दो कन्नड़ फिल्में – प्रेमदा कनिके और राजा नन्ना राजा शामिल हैं। उन्होंने जो पटकथाएँ लिखीं उनमें आखिरी दाव (1975), इम्मान धरम (1977), काला पत्थर (1979) और शान (1980) शामिल हैं। हालांकि वे 1982 में अलग हो गए। उनके द्वारा लिखी गई कुछ पटकथाओं को बाद में ज़माना और मिस्टर इंडिया जैसी हिट फिल्मों में बनाया गया।
जावेद अख्तर राजनीतिक करियर | Javed Akhtar Political Career
अख्तर ने विशेष रूप से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) और 2019 के भारतीय आम चुनाव में उनके उम्मीदवार के लिए प्रचार किया और अख्तर को 16 नवंबर 2009 को संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा के लिए नामित किया गया था।
जावेद अख्तर अवॉर्ड्स | Javed Akhtar Awards
फ़िल्मी दुनिया में इनके बेहतरीन योगदान के लिए वर्ष 1999 में देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरुस्कार पदम् श्री से सम्मानित किया गया। और साल 2007 में भारत की सरकार ने इन्हे देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरुस्कार पदम् भूषण से नवाजा गया था। इनके कविता संग्रह लावा के लिए साल 2013 में इन्हे उर्दू का साहित्य अकादमी अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चूका है, जो की भारत का दूसरा सबसे बड़ा साहित्य पुरुस्कार है। डेमोक्रेसी, फ्री थिंकिंग एवं क्रिटिकल थिंकिंग को बढ़वा देने के लिए इन्हे साल 2020 में रिचर्ड डॉकिन्स अवार्ड से भी नवाजा जा चूका है।
राष्ट्रीय पुरुस्कार:- निम्नलिखित फिल्मो में बेस्ट गीतकार के लिए जावेद अख्तर पांच राष्ट्रीय पुरुस्कार जित चुके है
- फिल्म साज़ (1999)
- बॉर्डर (1997)
- गॉड मदर (1998)
- रिफ्यूजी (2000)
- लगान (2001)
इसके अलावा जावेद अख्तर को कुल 14 बार फिल्मफेयर पुरुस्कार मिला है। जिनमे सात बार बेस्ट लिरिक्स के लिए और सात बार बेस्ट पटकथा के लिए। इसके अलावा इन्हे कई पुरुस्कार इन्हे मिल चुके है, जिनमे बेस्ट गीतकार ऑफ़ द ईयर, लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड इत्यादि।
जावेद अख्तर अवार्ड्स | Javed Akhtar Awards
- जावेद को 1999 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री के नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया था।
- 2007 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
- 2013 में उन्हें उर्दू में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला, जो उनके कविता संग्रह लावा के लिए भारत का दूसरा सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान है।
- 2019 में उन्हें जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय द्वारा मानद डॉक्टरेट (डॉक्टर ऑफ़ लेटर्स) से सम्मानित किया गया था।
- 2020 में उन्हें कविता, पटकथा लेखन और राजनीतिक सक्रियता में रिचर्ड डॉकिंस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- इन्हें 1996,1997, 1998, 2000, 2001, 2002 में नेशनल फिल्म अवॉर्ड फॉर बेस्ट लिरिक्स के लिए दिया गया।
- इन्हें 1995, 1997, 1989, 1998, 1999 में फिल्म फेयर अवार्ड फॉर बेस्ट लिरिक्स दिया गया।
- इन्हें 1990 में फिल्म फेयर अवार्ड फॉर बेस्ट डायलॉग के लिए दिया गया।
- इन्हें 1984, 1985, 1986 में फिल्म फेयर अवार्ड फॉर बेस्ट स्टोरी के लिए दिया गया।
- वर्ष 2011, 2012 में इन्हें मिर्ची म्यूजिक अवॉर्ड फॉर लिरिसिस्टऑफ द ईयर दिया गया।
- वर्ष 2014 में इन्हे लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया।
जावेद अख्तर मूवी | Javed Akhtar Movie
जावेद अख्तर और सलीम जावेद ने मिलकर निम्न फिल्में लिखी जो इस प्रकार है –
| वर्ष | फिल्म |
|---|---|
| 1971 | अंदाज़ |
| 1971 | अधिकार |
| 1971 | हाथी मेरे साथी |
| 1972 | सीता और गीता |
| 1973 | यादों की बारात |
| 1973 | जंजीर |
| 1974 | मजबूर |
| 1974 | हाथ की सफाई |
| 1975 | दीवार |
| 1975 | शोले |
| 1975 | आखरी दाव |
| 1977 | ईमान धर्म |
| 1977 | चाचा भतीजा |
| 1978 | त्रिशूल |
| 1978 | डॉन |
| 1979 | काला पत्थर |
| 1980 | दोस्ताना |
| 1980 | शान |
| 1981 | क्रांति |
| 1982 | शक्ति |
| 1985 | जमाना |
| 1987 | मिस्टर इंडिया |
| 1976 | प्रेमदा कनिके कन्नड़ |
| 1976 | राजा नन्ना राजा कन्नड़ |
जावेद अख्तर द्वारा स्वयं लिखी गई फिल्में
| वर्ष | फिल्म |
|---|---|
| 1983 | बेताब |
| 1984 | दुनिया |
| 1984 | मशाल |
| 1985 | सागर |
| 1985 | अर्जुन |
| 1985 | मेरी जंग |
| 1987 | डकैत |
| 1989 | मैं आजाद हूं |
| 1992 | खेल |
| 1993 | रूप की रानी चोरों का राजा |
| 1995 | प्रेम |
| 1998 | कभी ना कभी |
| 2004 | लक्ष्य |
| 2006 | डॉन: द केश बिगिन्स अगेन |
जावेद अख्तर द्वारा लिखे गए ग्रंथ | Javed Akhtar Books
- तरकश (1995)
- लावा (2012)
जावेद अख्तर गीत | Javed Akhtar Songs/Lyrics
इन्होंने अपने जीवन में बहुत से हिट गाने लिखे हैं जिनके लिए ये काफी फेमस हैं, इनके गीत इस प्रकार हैं –
सिलसिला, दुनिया, सागर, ए लव स्टोरी, दिल चाहता है, साथ साथ, नरसिम्हा, मशाल, सैलाब, मिस्टर इंडिया, हफ्ता बंद, जादूगर, अर्जुन, रूप की रानी चोरों का राजा, जमाई राजा, खेल, गर्दिश, पापा कहते हैं, बॉर्डर, सपने, विरासत, मृत्युदंड, दस्तक, मिल गई मंजिल मुझे, दिलजले, यस बॉस, दरमियां :इन बिटवीन, और प्यार हो गया, वजूद, कभी ना कभी
द्रोही, जींस, बड़ा दिन, डुप्लीकेट, लावारिस, गॉड मदर, बादशाह, अर्जुन पंडित, दिल्लगी, फिर भी दिल है हिंदुस्तानी, रिफ्यूजी, कारोबार, हमारा दिल आपके पास है, राजा को रानी से प्यार हो गया, चैंपियन, गैंग, प्यार की धुन, लगान, अभय, मोक्ष, अग्नि वर्षा, मेरे यार की शादी है, बधाई हो बधाई, ये क्या हो रहा है, द हीरो :लव स्टोरी ऑफ ए स्पाई, अरमान, चलते-चलते, कुछ ना कहो, कल हो ना हो, एलओसी :कारगिल
मैं हूं ना, वीर जारा, क्यों हो गया ना, स्वदेश, मंगल पांडे द राइजिंग, दिल जो भी कहे, कभी अलविदा ना कहना, नमस्ते लंदन, तारा रम पम, दन दना दन गोल, वेलकम, ओम शांति ओम, जोधा अकबर, लक बाय चांस, कार्तिक कॉलिंग कार्तिक, खेलें हम जी जान से, प्रेम का गेम, डॉन 2, ट्रैफिक सिग्नल, एक दीवाना था, तलाश, मोहनजोदड़ो, रईस, दिल धड़कने दो, पलटन, नमस्ते इंग्लैंड, गली ब्वॉय, पंगा
जावेद अख्तर नेट वर्थ | Javed Akhtar Net Worth
जावेद सबसे अमीर पटकथा लेखकों में से एक हैं और सबसे लोकप्रिय पटकथा लेखकों में सूचीबद्ध हैं। फोर्ब्स के अनुसार जावेद अख्तर की कुल संपत्ति 20 मिलियन डॉलर के लगभग है।
जावेद अख्तर से जुडी रोचक जानकारी | Javed Akhtar Interesting Facts
- जावेद जी ने फिल्म सीता और गीता, ज़ंजीर, दीवार, शोले जैसी फिल्मों में कहानी, पटकथा और संवाद लिखने के लिए प्रसिद्ध माने जाते है।
- तेज़ाब, 1942, अ लव स्टोरी, बॉर्डर और लगान जैसी फिल्मों में इनके गाने काफी पॉपुलर हुए।
- जावेद जी देश के जाने माने गीतकार, पटकथा लेखक और कवि है।
- वर्ष 1964 में, अख्तर साहब मुंबई आए थे।
- बताया जाता है की उनको रहने की जगह तक नहीं मिलती थी वो कई दिनों तक बिना भोजन के पेड़ों के नीचे रहते थे बाद में उन्हें कमल अमरोही स्टूडियो जोगेश्वरी में रहने की जगह मिली थी।
- जावेद जी को अपने शुरुआती कैरियर में बहुत संघर्ष करना पड़ा था तब जाकर वो आज देश के इतने पॉपुलर गीतकार, पटकथा लेखक बन पाए।
- जावेद अख्तर और सलीम खान की पहली मुलाकात वर्ष 1966 में फिल्म सरहदी लुटेरा के सेट पर हुई थी, इस फिल्म में सलीम एक अभिनेता के तौर पर और जावेद एक क्लैपर बॉय के रूप में थे।
- सलीम खान और अख्तर साहब ने लगातार 24 फिल्मों पर एक साथ काम किया, इन 24 फिल्मों में से 20 हिट थीं, जिसमें वर्ष 1975 में आई शोले भी शामिल है।
- वर्ष 1982 में, सलीम और जावेद एक दूसरे से अलग हो गए।
- ज़माना (1985) और मिस्टर इंडिया (1987) जैसी फिल्मों में पटकथाएं एक साथ लिखी थी।
- माँ के इंतकाल के बाद जावेद जी कुछ दिनों तक अपने नाना – नानी के घर लखनऊ में रहे थे।
- बाद में वो अपने खाला के घर अलीगढ चले गए थे।
- जावेद जी ने अपने कैरियर की शुरुआत सरहदी लूटेरा से की थी।
-
Javed Akhtar FAQ
Ans- ग्वालियर, मध्यप्रदेश (भारत)
Ans- फरहान अख्तर
Ans- जावेद अख्तर के दो बच्चे है। बेटा जावेद अख्तर, और बेटी जोया अख्तर
Ans- जावेद अख्तर
Ans : ये अपने द्वारा लिखी गई फिल्मों, गीतों तथा शायरियों के लिए प्रसिद्ध है।
Ans : इनका जन्म 17 जनवरी 1945 को ग्वालियर मध्य प्रदेश में हुआ था।
Ans : ये किसी धर्म को नहीं मानते, ये नास्तिक हैं।
Ans : इनकी पहली पत्नी हनी ईरानी (लेखक और निर्देशक), दूसरी पत्नी शबाना आज़मी (अभिनेत्री) है।