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Jaun Elia Shayari in Hindi: मशहूर उर्दू शायर जॉन एलिया की कुछ सबसे नायब शायरी 

 

Jaun Elia ke Sher: जौन एलिया उर्दू के मशहूर शायर, पत्रकार, विचारक, अनुवादक, गद्यकार और बुद्धिजीवी थे. जौन एलिया की पैदाइश 14 दिसंबर 1931 को अमरोहा में हुई. जौन अब के शायरों में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले शायरों में शुमार हैं. शायद, यानी और गुमान इनकी मशहूर किताबें हैं. जौन एलिया 8 नवंबर 2002 में इंतेकाल कर गए. जौन एलिया पाकिस्तान के साथ भारत और पूरी दुनिया में अदब के लिए जाने जाते हैं.

जिंदगी एक फन है लम्हों को,
अपने अंदाज़ में गंवाने का!

नया एक रिश्ता पैदा क्यूं करें हम?
बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूं करें हम?

इलाज यह है कि मजबूर कर दिया जाऊँ,
वगरना यूँ तो किसी की नहीं सुनी मैंने!

कितने दिलकश हो तुम कितना दिल जूं हूं मैं,
क्या सितम है कि हम लोग मर जाएंगे!

मैं भी बहुत अजीब हूं इतना अजीब कि,
खुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं!

"मेरे कमरे का क्या बयां कि यहां,
  खून थूका गया शरारत में!"

"ज़िंदगी एक फन है लम्हों को,
अपने अंदाज़ में गंवाने का!"

"मैं भी बहुत अजीब हूं कितना अजीब कि, 
खुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं।"

बहुत नज़दीक आती जा रही हो 
बिछड़ने का इरादा कर लिया क्या 

मुझे अब तुम से डर लगने लगा है 
तुम्हें मुझ से मोहब्बत हो गई क्या 

इलाज ये है कि मजबूर कर दिया जाऊँ 
वगरना यूँ तो किसी की नहीं सुनी मैं ने 

मैं भी बहुत अजीब हूँ इतना अजीब हूँ कि बस 
ख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं