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अतीत की कड़वी दुखद यादों को भुलाना क्यों है इतना कठिन ? लीक्ड फुटेज में जानिए इनसे पीछा छुड़ाने के असरदार उपाय 

 

हर इंसान के जीवन में कुछ ऐसे पल आते हैं जो दिल को छलनी कर जाते हैं। ये घटनाएं चाहे किसी रिश्ते के टूटने से जुड़ी हों, किसी अपमान से, बचपन की पीड़ा से, या फिर जीवन में मिली किसी बड़ी असफलता से — ऐसी कड़वी और दुखद यादें इंसान के मन-मस्तिष्क पर गहरा असर छोड़ जाती हैं। समय भले ही आगे बढ़ता जाए, लेकिन मन कहीं अतीत में अटका रह जाता है। सवाल यह उठता है कि ऐसी पुरानी तकलीफें इतनी आसानी से क्यों नहीं जातीं? और क्या इनसे हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है?

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/GkQN3XqOCzI?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/GkQN3XqOCzI/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="बुरी और पुरानी यादों से कैसे पाएं छुटकारा | How To Remove Bad Memories | Erase Old Painful Memories" width="695">

क्यों नहीं भूल पाते हैं हम दुखद यादें?

हमारा मस्तिष्क खासतौर पर भावनात्मक रूप से तीव्र घटनाओं को ज्यादा स्पष्टता से याद रखता है। जब कोई घटना हमें बहुत ज्यादा दुख देती है, तो उस वक्त हमारे शरीर में स्ट्रेस हार्मोन (जैसे कोर्टिसोल) सक्रिय हो जाते हैं, जो उस याद को हमारे मस्तिष्क में स्थायी रूप से बसा देते हैं। ये यादें अक्सर हमारे अवचेतन मन में भी घर कर लेती हैं और ज़रा सी परिस्थिति या किसी इंसान की उपस्थिति से फिर से जीवित हो उठती हैं।इसके अलावा, कई बार हम खुद ही बार-बार उन क्षणों को याद करते रहते हैं — जैसे कोई फिल्म दोहराई जा रही हो। ये "रिप्ले मोड" न केवल हमारे मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि वर्तमान जीवन की खुशियों पर भी असर डालता है।

इनसे छुटकारा पाना क्यों जरूरी है?

कड़वी यादें अगर लंबे समय तक साथ बनी रहें, तो वे डिप्रेशन, एंग्जायटी, आत्मविश्वास की कमी, और सामाजिक दूरी जैसी कई मानसिक समस्याओं का कारण बन सकती हैं। ऐसे में समय रहते उनका सामना करना और उन्हें पीछे छोड़ना बेहद जरूरी हो जाता है।

जानिए कड़वी यादों से पीछा छुड़ाने के असरदार उपाय:

1. स्वीकार करना ही पहला कदम है

किसी भी दुखद अनुभव को भूलने से पहले उसे स्वीकार करना जरूरी है। जब तक हम यह नहीं मान लेते कि कुछ गलत हुआ था और उससे हमें ठेस पहुंची है, तब तक healing शुरू नहीं हो सकती।

2. माफ करें – खुद को भी और दूसरों को भी

माफ करना एक शक्तिशाली साधन है। यह जरूरी नहीं कि सामने वाला इंसान आपसे माफी मांगे, लेकिन जब आप उसे दिल से माफ करते हैं, तो खुद के भीतर से बहुत सारा बोझ उतर जाता है।

3. माइंडफुलनेस और मेडिटेशन अपनाएं

मेडिटेशन और प्राणायाम जैसी तकनीकें मानसिक शांति देने के साथ-साथ विचारों को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। जब मन वर्तमान में रहने लगता है, तो अतीत की पकड़ ढीली पड़ने लगती है।

4. अपनी भावनाओं को शब्द दें

कई बार हम जो महसूस करते हैं, उसे किसी के साथ साझा कर देने से मन हल्का हो जाता है। यदि आप किसी से बात नहीं कर सकते, तो डायरी में लिखना शुरू करें। भावनाओं को बाहर निकालना जरूरी है।

5. पेशेवर मदद लेने में संकोच न करें

अगर कोई घटना आपको लंबे समय से परेशान कर रही है और उसका असर आपकी दिनचर्या पर भी हो रहा है, तो मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ (जैसे साइकोलॉजिस्ट या काउंसलर) से संपर्क करें। थेरेपी से बहुत मदद मिलती है।

6. नई आदतें बनाएं और खुद को व्यस्त रखें

जब आप कुछ नया सीखते हैं, नई जगह जाते हैं या रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेते हैं, तो दिमाग का ध्यान बदलता है और वह नई यादें बनाने लगता है। इससे पुरानी यादें धीरे-धीरे धुंधली होने लगती हैं।