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सफल भविष्य देने के लिए किशोरावस्था में बच्चों को दे खास पर​वरिश

 

जयपुर।प्रत्येक माता—पिता की इच्छा होती है कि उनके बच्चों का भविष्य अच्छा हो और वे एक सफल नागरिक बने।लेकिन कई बार गलत परवरिश के कारण बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाता है।इसलिए आज के इस लेख में हम आपको बच्चों की किशोरावस्था में की जाने वाले परवरिश की जानकारी दे रहे है क्योंकि किशोरावस्था में जब बच्चे कोई गलती करते है, तो घर-परिवार और समाज के लोग इस बात की उलाहना उनके माता—पिता की परवरिश को ही देते है।

इसलिए किशोरावस्था में माता—पिता को बच्चे का दोस्त बनकर परवरिश करनी आवश्यक होती है।किशोरावस्था में अगर बच्चे कोई गलती करते है, तो आपको उन्हें डाटना या मारना नही चाहिए।क्योंकि किशोरावस्था की उम्र में बच्चों को डांटने और मारने का बुरा प्रभाव उनकी मानसिकता पर बुरा असर डालता है।

इस लिए इस उम्र में आप बच्चों को हमेशा प्यार से समझाएं और दोस्त की तरह व्यवहार करें।जिससे कि वे आपसे अपनी हर समस्या को शेयर कर सके और आप उनका ठीक से समाधान कर सकें।

इसके अलावा किशोरावस्था में बच्चों को थोड़ी आजादी देना भी आवश्यक होता है जिससे वे अपने भविष्य के बारे में खुद विचार कर सके और उनको कोई समस्या हो तो उसके लिए वे आपसे बात कर सके। इसके अलावा इस उम्र में बच्चों के दोस्तों, गर्लफ्रैंड आदि के बारे में खुलकर बात करनी चाहिए

ताकि वह आपके साथ अपनी हर बात शेयर कर सके जिससे कि उनको भविष्य में कोई परेशानी नही होगी।माता—पिता किशोरावस्था में अपने बच्चों को पर्याप्त समस दे जिससे उनको पढ़ाई के साथ सफल भविष्य बनाने के लिए उचित मार्गदर्शन मिलता रहेंगा।

किशोरावस्था में जब बच्चे कोई गलती करते है, तो घर-परिवार और समाज के लोग इस बात की उलाहना उनके माता—पिता की परवरिश को ही देते है।इसलिए किशोरावस्था में माता—पिता को बच्चे का दोस्त बनकर परवरिश करनी आवश्यक होती है।किशोरावस्था में अगर बच्चे कोई गलती करते है, तो आपको उन्हें डाटना या मारना नही चाहिए। सफल भविष्य देने के लिए किशोरावस्था में बच्चों को दे खास पर​वरिश