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कोरोना वायरस से अपने बच्चों के स्ट्रेस का रखें ध्यान

 

जयपुर।हमारे देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 21 दिनों तक लॉकडाउन कर दिया गया है।ऐसे में इस समय सभी लोग अपने घरों में कैद है लेकिन छोटे बच्चें जो कि लॉकडाउन का मतलब नही समझते और ना ही इस महामारी के बारे में जानते है।उनको घर में कैद रहना कुछ अच्छा नही लगता।ऐसे में आप अपने बच्चों को लेकर थोड़ा सावधान रहें।क्योंकि कोरोना वायरस कमजोर इम्यूनिटी के छोटे बच्चों और बुजुर्गो को अपना शिकार आसानी से बना लेता है।वहीं आप अपने बच्चों को कोरोना वायरस का ड़र ना दिखाएं।

क्योंकि इससे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पड़ सकता है।इसलिए अपने बच्चों को घर पर कुछ पुरानी इतिहास संबंधित कहानियां सुनाई ताकि बच्चें आपके नियंत्रण में बने रहें।

आप अपने बच्चों को अपने धर्म से संबंधित ज्ञान भी इस समय दे सकते है क्योंकि आप अपने बच्चों के साथ पूरे समय के लिए घर पर बने हुए है ऐसे में आप हमेंशा उनके पास ही रहते है तो आप उनके व्यवहारिक ज्ञान को और मजबूत बना सकते है।इससे बच्चों के दिमाग से कोरोना वायरस का ड़र अपने आप ही खत्म हो जायेंगा।

आप अपने बच्चों को महाभारत और रामायण जो कि हमारे धार्मिक ग्रंथ है के बारे में बताए या फिर दोबारा टीवी पर प्रसारित होने के कारण आप उनमें इसे देखने की लालसा बढ़ाए।जिससे बच्चों का व्यवहारिक ज्ञान और मजबूत होगा। अपने बच्चों के शारीरिक हेल्थ के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दे।

क्योंकि अगर आप ताव और चिंता में रहेंगे तो इसका प्रभाव आपके बच्चों पर भी पडेंगा।इसलिए अपनी सोच को सकारात्मक रखें और बच्चों को भी सकारात्मक बनाए।

कोरोना वायरस कमजोर इम्यूनिटी के छोटे बच्चों और बुजुर्गो को अपना शिकार आसानी से बना लेता है।वहीं आप अपने बच्चों को कोरोना वायरस का ड़र ना दिखाएं।क्योंकि इससे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पड़ सकता है।इसलिए अपने बच्चों को घर पर कुछ पुरानी इतिहास संबंधित कहानियां सुनाई ताकि बच्चें आपके नियंत्रण में बने रहें। कोरोना वायरस से अपने बच्चों के स्ट्रेस का रखें ध्यान