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भगवती स्तोत्रम् के नियमित पाठ से व्यक्ति में जगता है नया उत्साह और आत्मबल, 2 मिनट के शानदार वीडियो में जाने इस दिव्या स्तोत्र की शक्ति 

 

भारतीय सनातन परंपरा में देवी-आराधना को विशेष महत्व प्राप्त है। इन्हीं देवी स्वरूपों में से एक हैं मां भगवती — शक्ति, साहस और संरक्षण की प्रतीक। मां भगवती की स्तुति करने वाले अनेक ग्रंथों में ‘श्री भगवती स्तोत्रम्’ एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र माना गया है। इसका नियमित पाठ न केवल मानसिक ऊर्जा को जागृत करता है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में आने वाली तमाम रुकावटों को दूर कर, उसे सफलता के पथ पर अग्रसर करता है।

<a href=https://youtube.com/embed/Db7P57Wxgjc?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/Db7P57Wxgjc/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" title="श्री भगवती स्तोत्रम् | जय भगवती देवी नमो वरदे | भगवती स्तोत्र | माँ भगवती स्तोत्र | दुर्गा स्तोत्र" width="695">
क्या है श्री भगवती स्तोत्रम्?
‘श्री भगवती स्तोत्रम्’ एक ऐसा दिव्य स्तुतिगान है जो मां भगवती की महिमा, शक्ति और सौंदर्य का गुणगान करता है। यह स्तोत्र वैदिक ऊर्जा से ओत-प्रोत है और इसका पाठ करने से साधक के अंदर एक नई चेतना और आत्मबल का संचार होता है। इसमें देवी की दस महाविद्याओं, उनके स्वरूपों और उनके चमत्कारी प्रभावों का वर्णन किया गया है।

पाठ से जागता है नया उत्साह
मनुष्य जब निराशा, भय, अवसाद या आत्मविश्वास की कमी से घिरा होता है, तब वह कोई भी निर्णय लेने या कार्य को पूरा करने में हिचकिचाता है। लेकिन जब श्री भगवती स्तोत्रम् का नियमित पाठ किया जाता है, तो व्यक्ति के भीतर छिपी शक्तियाँ जागृत होती हैं। यह पाठ एक तरह से चेतना को झकझोरने वाला होता है, जिससे नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।यह देखा गया है कि जो व्यक्ति नित्य श्रद्धा से भगवती स्तोत्रम् का जप करता है, उसका मन दृढ़ बनता है और वह मुश्किल परिस्थितियों में भी स्थिरता और संतुलन बनाए रखता है।

हर क्षेत्र में मिलने लगती है सफलता
श्री भगवती स्तोत्रम् केवल अध्यात्मिक लाभ ही नहीं देता, बल्कि यह व्यक्ति के भौतिक जीवन में भी अद्भुत परिवर्तन लाता है। विद्यार्थी इसे पढ़ें तो बुद्धि और स्मरण शक्ति बढ़ती है, व्यापारी पढ़ें तो व्यापार में वृद्धि होती है, और नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए यह स्तोत्र तरक्की और सम्मान का मार्ग खोलता है।यह स्तोत्र साधक को अदृश्य शक्तियों से जोड़ता है और उस पर देवी कृपा बरसती है। जब साधक सच्चे मन से मां भगवती का स्मरण करता है तो उसकी रक्षा स्वयं देवी करती हैं और जीवन में आने वाली बाधाएं स्वतः हटने लगती हैं।

शास्त्रों में भी है इसका उल्लेख
धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में ‘श्री भगवती स्तोत्रम्’ का उल्लेख विशेष महत्व के साथ किया गया है। देवी भागवत, दुर्गा सप्तशती और अन्य तांत्रिक ग्रंथों में इस स्तोत्र को सिद्ध करने से साधक को ‘महाशक्ति’ की अनुभूति होती है। यह स्तोत्र, साधक के जीवन में शक्ति, भक्ति और समृद्धि का त्रिवेणी संगम बनाता है।

कैसे करें पाठ?
इस स्तोत्र का पाठ प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर, शांत चित्त से किया जाना चाहिए। अगर संभव हो तो मां दुर्गा या मां भगवती की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीपक जलाकर, पुष्प और चंदन अर्पित करें। फिर पूरे भाव और विश्वास के साथ स्तोत्र का पाठ करें। शुक्रवार, नवमी तिथि, या नवरात्रि के दिनों में इसका पाठ विशेष फलदायी माना गया है।