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अब सिर्फ इन लोगों को मिलेगी ट्रेन की लोअर बर्थ, रेलवे मंत्री ने बताया कारण

 

भारत जैसे विशाल देश में रेलवे सबसे बड़ा और लोकप्रिय परिवहन माध्यम है। रोजाना करोड़ों लोग भारतीय रेलवे से यात्रा करते हैं। ऐसे में सुविधाएं, विशेषकर लोअर बर्थ (Lower Berth) को लेकर हमेशा मांग बनी रहती है। लोअर बर्थ यानी ट्रेन की नीचे की सीट – जो चढ़ने-उतरने में आसान होती है – खासकर वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांग यात्रियों के लिए बेहद जरूरी होती है।

इस मुद्दे पर अब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक अहम फैसला लिया है, जिससे इन खास यात्रियों को बड़ी राहत मिलने वाली है।

 लोअर बर्थ को लेकर नया फैसला क्या है?

रेल मंत्री के मुताबिक, अब ट्रेन में लोअर बर्थ की प्राथमिकता केवल कुछ खास श्रेणियों के यात्रियों को दी जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिन्हें इस सुविधा की सबसे अधिक आवश्यकता है, उन्हें यह मिले। इनमें मुख्य रूप से तीन वर्ग शामिल हैं:

  1. वरिष्ठ नागरिक (Senior Citizens)

  2. दिव्यांग यात्री (Differently Abled Passengers)

  3. महिलाएं, खासकर गर्भवती महिलाएं और अकेले यात्रा करने वाली महिलाएं

 सभी को लोअर बर्थ मिलना संभव नहीं

रेल मंत्री ने साफ किया है कि लोअर बर्थ की संख्या सीमित होती है, इसलिए सभी यात्रियों को इसे देना संभव नहीं है। हालांकि रेलवे यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश कर रहा है कि जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है, उन्हें पहले यह सुविधा दी जाए।

 कोच में कितनी होती हैं लोअर बर्थ?

ट्रेनों के अलग-अलग क्लास और कोच में लोअर बर्थ की संख्या सीमित होती है। नीचे दिए गए आंकड़े आपको एक स्पष्ट तस्वीर देंगे:

  • स्लीपर कोच (SL):
    प्रत्येक कोच में लगभग 6 से 7 लोअर बर्थ होती हैं।

  • थर्ड एसी (3AC):
    हर कोच में 4 से 5 लोअर सीटें उपलब्ध होती हैं।

  • सेकंड एसी (2AC):
    यहां 3 से 4 लोअर बर्थ ही होती हैं।

  • थर्ड AC इकोनॉमी और चेयर कार:
    विशेष रूप से दिव्यांग यात्रियों के लिए 4 लोअर बर्थ आरक्षित रहती हैं।

रेलवे ने स्पष्ट किया है कि दिव्यांग यात्रियों को हमेशा प्राथमिकता दी जाती है, जिससे उन्हें यात्रा के दौरान चढ़ने-उतरने में परेशानी न हो। स्लीपर कोच में 2 लोअर बर्थ और थर्ड एसी व इकोनॉमी में 4 बर्थ विशेष रूप से उनके लिए रिजर्व होती हैं।

 वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी राहत

रेल मंत्री ने कहा कि यदि कोई सीनियर सिटीजन मिडल या अपर बर्थ पर है और यात्रा के दौरान लोअर बर्थ खाली है, तो उसे प्राथमिकता के आधार पर वह सीट दी जाएगी। यही नियम गर्भवती महिलाओं और दिव्यांग यात्रियों पर भी लागू होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि जरूरतमंद यात्री सफर के दौरान आरामदायक स्थिति में रहें।

 टिकट बुकिंग के समय क्या होगा?

रेलवे के रिजर्वेशन सिस्टम को भी इस फैसले के अनुरूप अपडेट किया जा रहा है। अब टिकट बुक करते समय अगर यात्री अपने प्रोफाइल में सीनियर सिटीजन, दिव्यांग या महिला कैटेगरी से संबंधित विवरण देते हैं, तो सिस्टम ऑटोमैटिकली लोअर बर्थ एलॉट करने की कोशिश करेगा