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जायफल का सेवन नवजात शिशु को रखता कई बीमारियों से दूर

 

जयपुर।नवजात शिशु की देखभाल करना नई मां के लिए एक गंभीर समस्या बन जाता है और ठीक ढंग से शिशु का ध्यान ना रख पाने के कारण नवजात शिशु में कई घातक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।इसलिए आज के इस लेख में हम आपको एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधी जायफल के इस्तेमाल की जानकारी दे र​हे है जिसका सेवन आपके नवजात शिशु को कई बीमारियों से दूर रखने में मदद कर सकता है।

जायफल एक विभिन्‍न औषधीय गुणों वाली जड़ी—बूटी है इसे आप अपने शिशु को नियमित तौर पर डॉक्‍टर की सलाह से पत्‍थर पर पानी के साथ पीसकर चम्‍मच में इसके रस को निकाल कर नवजात शिशु के लिए कर सकती है।

प्रारंभिक तौर पर नवजात शिशु में के पेट में गैस बनने और पेट में ऐंठन या दर्द को रहने का खतरा रहता है जिसे आप शिशु को जायफल का सेवन किसी आहार के साथ करा कर दूर कर सकती है।जायफल एक सुगंधित औषधी होती है और आप अपने बच्चे के दूध में इसका इस्तेमाल कर नवताज शिशु को शांत व उचित नींद देने के लिए कर सकती है।

इसके अलावा शिशु में पाचन तंत्र पूरी तरह से विकसित नही होता है, इसलिए आप नवजात शिशु की अपच की समस्या को दूर करने के लिए जायफल का सेवन करवा सकती है।

जायफल की प्रकृति गर्म तत्व वाली होती है इस लिए नवजात शिशु को ठंड से बचाने के लिए जयफल देना सबसे प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक माना गया है। जायफल का सेवन शिशु के शरीर को गर्माहट प्रदान करने में मदद करता है जिससे है शिशु में सर्दी और खांसी के की समस्या दूर रहती है।

जायफल एक विभिन्‍न औषधीय गुणों वाली जड़ी—बूटी है इसे आप अपने शिशु को नियमित तौर पर डॉक्‍टर की सलाह से पत्‍थर पर पानी के साथ पीसकर चम्‍मच में इसके रस को निकाल कर नवजात शिशु के लिए कर सकती है।शिशु में के पेट में गैस बनने और पेट में ऐंठन या दर्द को रहने का खतरा रहता है जिसे आप शिशु को जायफल का सेवन किसी आहार के साथ करा कर दूर कर सकती है। जायफल का सेवन नवजात शिशु को रखता कई बीमारियों से दूर