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अपराजिता दिलाता है अनेको रोगों पर जीत, जाने कैसे उपयोग में आ सकता है

 

अपराजिता के पौधे में कई गुण पाए जाते हैं जिनसे कई ऐसी समस्याओं से समाधान पाया जा सकता है जिसमे एलोपैथिक दवाएं भी काम नहीं कर सकती हैं| अपराजिता का पौधा दो रंगों में पाया जाता है एक सफ़ेद और दूसरा नीला| इसके नीले रंग के पौधे को आसानी से पाया जा सकता है बल्कि सफ़ेद पौधा आमतौर पर जल्दी नहीं दिखाई देता है|अपराजिता के इन औषधीय गुणों के बारे में बहुत कम ही लोगों को पता होता है| आईये जानते हैं क्या है इसके गुण|

अपराजिता का पौधा कुष्ठ रोग के इलाज के लिए काफी कारगर है जिसका इलाज आजतक एलोपैथिक दवाओं में भी सही से नहीं मिल पाया है| अपराजिता की बीज को पानी में मिलाकर सुबह शाम उसका सेवन करने से लगभग डेढ़ दो महीने में कुष्ठ रोग में आराम मिलता है और साथ ही 20 ग्राम अपराजिता की जड़ 1 ग्राम चक्रमर्द में मिलाकर पानी डालकर लेप बना ले और उस लेप को कुष्ठ रोग पर लगाने से भी आराम मिलता है|

अपराजिता के पत्तों का घोल बनाकर पीने से त्वचा सम्बन्धी सारे रोग दूर हो जाते हैं और पीलिया के लिए भी अपराजिता काफी कारगर सिद्ध होता है| इसके बीज को भून कर उसका चूर्ण बना लें और पीलिया के रोगी को सुबह शाम गरम पानी में मिलाकर इसका सेवन करने से उसके रोग में जल्द ही सुधार आते हैं|

इन समस्याओं के हल के साथ साथ अपराजिता का सेवन करने से माइग्रशन में भी आराम मिलता है और ये सिर केआम दर्द को भी दूर भगाता है|

इन बड़ी समस्याओं के साथ अपराजिता का इस्तेमाल शरीर में पहुंचे ज़हर को निकालने, चेहरे की झांइयां दूर करने तथा और भी कई रोगों के उपचार में किया जा सकता है| अपराजिता का पौधा देखने में जितना सुन्दर होता है उतना ही सुन्दर इसका उपयोग भी है| तो अगर आप भी कई लोगों की तरह इस पौधे की ख़ूबसूरती के आलावा इसके औषधिक गुणों से अनजान थे तो इन गुणों को जानने के बाद इसका उपयोग अपने रोगों और समस्याओं को दूर करने में ज़रूर करें|