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इन पेड़ों से बनी औषधियां करती हैं रामबाण का काम, जानें क्या हैं इनसे होने वाले लाभ

 

पेड़ पौधे हमारे वातावरण का वो हिस्सा है जिनकी वजह से हम सांस ले पा रहे हैं| पेड़ पौधे हमारे वातावरण को शुद्ध करने का काम भी करते हैं और हमारे जीवन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन को भी हमारे शरीर तक पहुंचाते हैं| यह पेड़ पौधे हमे जीवन देते भी हैं और जीवन को बचाते हैं भी है क्यूंकि पेड़ों से कई तरह की औषधियां बनायी जाती हैं जो हमें कई बीमारियों से बचा सकती हैं और उनसे बनी औषधियां हमारे लिए रामबाण की तरह काम आती हैं| आइये आपको बताते हैं कौन से हैं वो पेड़ जिनकी औषधियों से हमें और हमारे स्वास्थ को लाभ पहुंचाते हैं|

1-अर्जुन- भारत में अर्जुन के वृक्ष को एक विशाल औषधि वृक्ष के रूप में है| अर्जुन की छाल से बनी औषधि दिल की बीमारियों से रोकथाम में काफी लाभदायक हैं और इससे और भी कई रोगों का इलाज किया जा सकता है| अर्जुन की छाल के पाउडर को पानी में मिलकर उबाल लें और उसे तब तक उबालें जब तक पानी आधा ना हो जाये| हर रोज़ अर्जुन की छाल से बना यह पानी पीने से दिल की धमनियों का ब्लॉकेज खुल जाता है और इसमें जमा कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है| ये आपके दिल को स्वस्थ रखने का एक बेहतर और आयुर्वेदिक उपाय है| अर्जुन की छाल को जीभ पर रखकर चूसने से दिल की अनियमित धड़कने भी नियमित हो जाती है और इससे दिल को काफी लाभ मिलता है|

2-नीम: नीम के पेड़ को त्वचा से सम्बंधित रोगों और समस्यायों से निजात पाने के लिए काफी ज़्यादा इस्तेमाल किया जाता है| नीम के पेड़ की पत्तियों के सेवन करने से चेहरे पर निकले पिम्पल, दाग धब्बे, फोड़े फुंसी और दाद खुजली से आराम मिलता है| इसके पाउडर का चूर्ण हर रोज़ खाने के पहले लेने से मधुमेह नियंत्रण में रहता है और इसकी पत्तियों को पानी में डालकर नहाने से चर्म रोग होने का खतरा भी दूर हो जाता है|

3- बबूल: बबूल का वृक्ष एक या दो नहीं बल्कि बहुत सी बीमारियों का रामबाण इलाज करता है| इसके सेवन से मधुमेह में राहत मिलती है और साथ ही स्त्रियों का बाँझपन दूर होता है| अगर किसी महिला को पीरियड्स के वक़्त बहुत अधिक ब्लड फ्लो की समस्या है तो बबूल की छाल से बने काढ़े को पीने से यह समस्या भी दूर होती है| त्वचा के जलने पर बबूल की छाल के पाउडर को नारियल के तेल में मिलाकर लगाने से त्वचा की जलन कम हो जाती है और इसे जलने का निशान भी दूर हो जाता है|

4-गजपीली: गजपीली को की छाल को ज़ख्मों पर लगाने से काफी आराम मिलता है और क्यूंकि इसकी छाल भारी होती है तो अतिसार के रोग में इससे आराम मिलता है| गजपीली के छाल का बारीक चूर्ण लगाने से टूटी हुई हड्डी, मोच, किसी प्रकार की छोट आदि पर लगाने दर्द में आराम मिलता है और इससे सायटिक में भी लाभ पहुँचता है|

5- अशोक:इस वृक्ष में औषधीय गुण होने के साथ साथ इसे शोक नष्ट करने वाला वृक्ष भी कहा जाता है| ऐसा कहा जाता है कि इस वृक्ष के नीचे बैठने से लोगों के शोक और दुःख दूर होते है| अशोक की छाल और पुष्प को बराबर मात्रा में पानी के साथ मिलाकर रात में रख दें और सुबह इसका सेवन करें इससे खूनी बवासीर दूर हो जाता है और साथ ही इसकी छाल से बने काढ़े को पीने से फोड़े फुंसी में भी राहत मिलती है|

पेड़ पौधों में अनेकों गुण होते हैं और जीव जंतुओं के लिए इसके सबसे बड़े फायदे इनसे बनी औषधियां होती हैं| पेड़ पौधों से बनी औषधियां एक तो आयुर्वेदिक तरीकों से हमारे रोगों को मिटाती है और साथ ही इनसे किसी तरह के साइड इफेक्ट्स होने का खतरा भी कम होता है|