जब AC और कूलर नहीं थे तब लोग घर को कैसे रखते थे ठंडा? आज भी काम आएंगे सदियों पुराने 5 देसी तरीके, बचेगी बिजली
गर्मियां आते ही हम सभी कूलर और एसी के पैक रख लेते हैं और उनकी सर्विसिंग कराकर उनका इस्तेमाल शुरू कर देते हैं। आजकल इनके बिना घर में सोना तो दूर बैठना और लेटना भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन क्या आपके मन में यह सवाल आया कि जब ये चीजें बाजार में दूर-दूर तक नहीं थीं। उस दौरान हमारे पूर्वज अपने घरों को ठंडा कैसे रखते थे? यकीनन यह सवाल हमें सोचने पर मजबूर कर सकता है कि आखिर कैसे। वह पूरी गर्मी सिर्फ हाथ वाले पंखे के सहारे गुजार देते हैं। लेकिन एक मिनट के लिए भी अगर लाइट चली जाए तो कमरे में रहना मुश्किल हो जाता है। बता दें कि एसी और कूलर के बिना भी अपने घर को ठंडा रखना कोई बड़ी बात नहीं है। इसके लिए आपको बस कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। सदियों पहले ऐसे कई देसी नुस्खे अपनाए जाते थे, जिनकी मदद से घरों को ठंडा रखा जाता था। ये हैक्स न सिर्फ उस दौर में बल्कि आज के समय में भी कारगर हो सकते हैं। साथ ही आप इन तरीकों से अपने घर का बिजली बिल भी बचा सकते हैं। मिट्टी और चूने से बना घर
घर बनाते समय लोग आने वाले समय को ध्यान में रखते हुए उसमें बदलाव या डिजाइन बनाते हैं। पहले के समय में लोग अपने घर बनाने के लिए मिट्टी, पत्थर और चूने का इस्तेमाल करते थे। मिट्टी की मोटी दीवारें सूरज की सीधी किरणों को घर में प्रवेश करने से रोकती हैं। साथ ही चूना प्राकृतिक कूलिंग एजेंट के रूप में काम करता है। ये दोनों चीजें दिन में गर्मी को अंदर आने से रोकती हैं। रात में ये ठंड को अंदर नहीं आने देतीं, जिससे घर ठंडा रहता है। अगर आप नया घर बना रहे हैं, तो दीवारों की मोटाई पर खास ध्यान दें। आजकल लोग मिट्टी की जगह ईंटों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन आप दीवारों को इंसुलेट करवा सकते हैं।
घर की छतों को ऊंचा और मोटा रखें
पुराने घरों में छतें बहुत ऊंची बनाई जाती थीं। गर्म हवा हमेशा ऊपर की ओर उठती है, इसलिए ऊंची छतों की वजह से गर्म हवा ऊपर की ओर जमा हो जाती है, जिससे नीचे रहने वाले लोगों को ठंडक मिलती है। हो सके तो अपने घर की छतों को ऊंचा बनवाएं। साथ ही वेंटिलेशन के लिए छत के पास खिड़कियां बनवाएं, ताकि गर्म हवा बाहर निकल सके।
खस और घास के पर्दे और चटाई
पहले लोग खिड़कियों और दरवाज़ों पर खस की चटाई या पर्दे लगाते थे. समय-समय पर उन पर पानी छिड़का जाता था. जैसे ही गर्म हवा इन नम झिल्लियों से गुज़रती थी, पानी के वाष्पीकरण से हवा ठंडी हो जाती थी. आप अपनी बालकनी या खिड़कियों में बांस के पर्दे या खस की चटाई से पानी छिड़क सकते हैं.
सफेद रंग से पेंट करें
पहले के समय में लोग घरों की बाहरी दीवारों को रंग-बिरंगे रंगों की जगह सफ़ेद रंग से पेंट करते थे. सफ़ेद रंग सूरज की किरणों को परावर्तित करता है, जिससे दीवार गर्म नहीं होती. साथ ही घर के अंदर का तापमान भी कम रहता है. ऐसे में आप अपनी छत और बाहरी दीवारों पर हल्के रंगों से पेंट करके घर को ठंडा रख सकते हैं.
पेड़ और बेलें
पहले लोग अपने घरों के आस-पास पेड़ लगाते थे. ऐसे में पेड़ घर पर सीधी धूप पड़ने से रोकते थे. साथ ही बेल के पौधे दीवारों को छाया देते थे, जिससे दीवारें गर्म नहीं होती थीं. अब इस तरह से आप अपने घर के आस-पास पेड़ लगा सकते हैं.