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गर्भावस्था के समय इन 3 अंगों में होता है दर्द, जल्दी पढ़ें

 

जयपुर । गर्भाअवस्था वैसे एक महिला के लिए सबसे खूबसूरत दौर होता है ,क्योंकि यह अहसास ये समय एक महिला को पूर्ण करता है, उसको माँ शब्द का अर्थ और उसके सही मायने पता चलते है | माँ बनना हर महिला की सबसे बड़ी खुशी होती है |

गर्भाधरण से लेकर माँ बनने तक के सफर को गर्भावस्था कहा गया है | इस अवस्था में खुशी माँ बनने की तो होती है परंतु माँ बनने वाली महिलाओं को काफी दर्द से भी गुजरना पड़ता है | उनके पूरे शरीर में काफी बदलाव होते है जिसकी वजह से उनको काफी कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है कभी कहाँ  तो कभी कहाँ दर्द चलता ही रहता है पर कुछ दर्द ऐसे हैं जो पूरी गर्भाअवस्था में उनको हमेशा ही झेलने पड़ते हैं | आज हम उनही के बारे में बात करेंगे | आइये जानते है उनके बारे में |

पेल्विक पेन :- जब एक महिला माँ बनने की अवस्था गुजर रही होती है तब उसको सबसे ज्यादा दर्द पेल्विक मे महसूस होता है , क्योंकि जब बच्चा उनके गर्भ में जैसे –जैसे अपना आकार लेता है उनको पेल्विक मे दर्द महसूस होता है | बच्चे के विकास क कारण ओर उससे जुड़े हार्मोन्स के बदलाव के कारण यह दर्द बना ही रहता है |

जोड़ों और सर  का दर्द  :- जब गर्भाअवस्था के दौर चलता है तब महिला के अंदर हार्मोन्स का बहुत ज्यादा तेज़ी से बदलाव होता है , साथ ही केल्शियम की कमी ओर बच्चे के गर्भ मे विकास के कारण महिलाओं की माँसपेशियों में सूजन बनी रहती है ओर जोड़ों मे दर्द रहता है| हार्मोन्स के बदलाव के कारण ही उनके सर में दर्द की शिकायत बनी रहती है | सर दर्द से आराम पाने के लिए सर की रोजाना तेल से या वैसे ही मालिश करते रहना जरूरी है |

पेट में दर्द :- माँ बनने के दौरान पेट में खिंचाव हमेशा बना ही रहता है | क्योंकि जैसे जैसे बच्चा विकास करता है वैसे वैसे माँ के अंदर भी बदलाव आता है और  बच्चा माँ की कोख म अक्सर लगातार घूमता भी रहता है और आकार लेता है जिसके चलते माँ को पेट में दर्द बना रहता है |