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तेज़ आवाज में संगीत सुनना बन सकता है दिमागी परेशानी की बड़ी वजह

 

जयपुर । संगीत सुनना थेरेपी का हिस्सा होता है कई डॉक्टर्स मानते हैं की संगीत सुनना कई सारी तरह की बीमारियो का इलाज  है आपको शायद नही पता होगा की यदि फूलों को खेत में फसलों को पशुपालन के दौरान पशुओं को संगीत सुनाया जाये तो यह दुगनी तेज़ी से वृद्धि  करते हैं । यदि कोई व्यक्ति अवसाद का शिकार हो या अकेलापन उसको साता रहा है या वह किसी तरह की परेशानी से या बीमारी से गुजर रहा है तो संगीत उसको परेशानियों से बाहर निकालने में बहुत सहायता  करता है ।

पर आज हम आपको संगीत के फायदे नहीं बताने जा रहे हैं आज हम बात कर रहे हैं उन लोगों के बारे में जो बहुत  ज्यादा तेज़ आवाज़ में संगीत सुनना पसंद करते हैं , आज के अंक में हमापको इस कारण से होने वाली कुछ परेशानियों असे रूबरू करवाने जा रहे हैं , आज हम बात कर रहे हैं की आखिर तेज़ आवाज़ में संगीत का श्रवण किस तरह का नुकसान हम लोगों को पहुंचा सकता है ।

तेज़ आवाज़ में संगीत का श्रवण ना की खुद संगीत सुनने वाले को बल्कि अपने आस पास के सभी लोगों के लिए परेशनई खड़ी कर देता है , तेज़ आवाज़ में गाने सुनने से कानो की श्रवणेंद्रियाँ फटने का खतरा होता है ।

बहुत ज्यादा  तेज़ आवाज़ सोचने समझने की शक्ति को खत्म कर देता है जिसके कारण किसी भी आसान से काम को तक करने में परेशानी होने लगती है और बहुत सी आसान सी चीजों को समझ पाने और देख पाने में भी परेशानी होने लगती है  ।

तेज़ आवाज़ के कारण माइग्रेन की परेशानी ,पागलपन की परेशानी , कान का खराब हो जाना बहरा पन इत्यादि परेशानियाँ जन्म ले लेती है जो की कई बार जानलेवा भी साबित हो जाती है , आज कल तो कान में ईयर फोन डाल कर सड़क पर चलने के कारण आवाज़ ना आने की वजह से कई तरह की दुर्घटनाओं की खबर भी कई ज्यादा आ रही है ।