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मानसिक बीमारी का संकेत हो सकती है यह आदतें कभी नज़रअंदाज़ ना करें इनको

 

जयपुर । मानसिक बीमारी का मतलब हमेशा पागलपन से हो यह जरूरी नही है मानसिक रोग कई तरह के होते हैं इसमें पागलपन सबसे आखरी का हिस्सा होता है मानसिक रोग किसी  बात की जिद होंना , किसी आदत का ऐसे अपनाना जिसका कोई मतलब भी ना हो पर वह रोगी को बस करना ही होता है जैसे मान लीजिये की किसी को बार बार हाथ धोने की आदत हटी है यह भी किसी की मानसिक रोग की ही स्थिति होती है , किसी को जैसे किसी के हाथ लगा देने पर यह महसूस होता है की उनको खुजली हो रही है , कहीं बैठने भर से परेशानी  होने लगती है किसी को बाहर से आए हुए फल ओ खाने में परेशानी नही होती पर जूस नही पिया जाता कई तरह की सनक होती है उसको भी मानसिक रोग की उपाधि दी जा सकती है ।

आज हम बात कर रहे हैं ऐसे ही कुछ संकेतों के बारे में , कई बार ऐसा होता है की जा किसी को मानसिक रोग की परेशानी  होती है तो वह इस बात को समझ नहीं पाता ना ही उसके आस पास के लोग इस बात को समझ पाते हैं क्योंकि लोग यह मानते हैं की मानसिक रोग मतलब पागल पन , चिलाना , लोगों को मारना , और भी कई तरह की ऐसी हरकतें जो दूसरों को या खुद को नुसान पहुंचाए पर लोग यह नही जानते की यह हरकत पागलपन की पराकाष्ठा होती है वह भी तब जब उसका मानसिक संतुलन पूरी तरह नष्ट हो चुका हो  ।

ऐसा नही है पागलपन या मानसिक रोग सिर्फ इसको ही कहा जाये इसके कई तरह के प्रकार होते हैं जिनको समझना बहुत ही जरूरी है आज उन्ही प्रकारों में से मात्र कुछ प्रकारों के बारे में हम बात करने जा रहे हैं आइये जानते हैं इस बारे में और बात करते हैं इस बारे में ।

अकेलापन :- रोगी को हमेशा अकेले रहना पसंद आता है वह कहीं आने जाने से कतराने लगता है हमेशा भीड़ से दूरी बनाने की कोशिश करता है , लोगों से बात करना अच्छा नही लगता और ज़्यादातर खुद को एक कमरे में बंद करना उसको पसंद आता है यह भी मानसिक रोग की ही स्थिति कहलाती है ।

अवसाद :- हर बात पर नकारात्मक पहलू को सोचना , अकेले में बैठ कर ज्यादातर रोना , दुख भरा संगीत सुनना , ज्यादा बात ना करना , नींद ना आना बहुत ज्यादा रोना , और भी कई सारी बातें है जो की यह दर्शाता है की यह एक मासिक रोग से ग्रसित है ।

क्लेप्तोमेनिया :- कुछ लोगों को कुछ चीजें चोरी करने की आदत होती है| लेकिन आप लोगो को नहीं पता कि चोरी करने की आदत भी एक मानसिक बीमारी है| यदि आप छोटी-छोटी चीज चुराते हैं तो आप मानसिक बीमारी से ग्रस्त हैं और जो लोग छोटी मोटी चीजें चोरी करते हैं वह जानबूझकर नहीं बल्कि मानसिक प्रॉब्लम के चलते सामान चुराते हैं ।

पाइरोमेनिया :- इस स्थिति में वक्ती को एक सीमा से ज्यादा क्रोध आता है और इतना ही नही उनसे यह क्रोध नियंत्रित भी नही होता कभी चीजों का तोड़ना , खुद को नुकसान पहुंचाना उनकी आदत बन जाती है । यह भी मासिक रोग का ही एक पहलू होता है ।

आप इन सभी परेशानियों से स्वयं जुंझ रहे हैं या फिर किसी और को इससे परेशान देख रहे हैं तोग इस बात का ध्यान रखें की उनको बहुत प्यार दुलार से रखें और उनको जल्द से जल्द मनोचिकित्सक से इलाज़ के लिए ले जाएँ ।