EPFO ने जारी की नई गाइडलाइन, ये कर्मचारी बिना आधार के निकाल पाएंगे पीएफ से पैसा
अगर आप प्राइवेट नौकरी करते हैं, तो आपको कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) का लाभ मिलेगा। EPF पर नियमित बचत योजनाओं की तुलना में ज़्यादा ब्याज मिलता है। लेकिन मुद्रास्फीति की तुलना में, EPF पर मिलने वाला ब्याज पर्याप्त नहीं है। PPF के साथ भी यही स्थिति है। दरअसल, EPF पर मिलने वाला 8.15% सालाना ब्याज पहली नज़र में आकर्षक लगता है। लेकिन जब आप इसकी तुलना मुद्रास्फीति से करते हैं, तो वास्तविक रिटर्न सिर्फ़ 1-2% ही होता है। जबकि मौजूदा दौर में, चिकित्सा खर्च सालाना लगभग 14 प्रतिशत बढ़ रहा है। जिससे भविष्य में स्वास्थ्य खर्च बचत से ज़्यादा हो सकता है। मुद्रास्फीति समय के साथ आपकी बचत के वास्तविक मूल्य को कम करती है। तो अगर आप EPF या PPF पर निर्भर हैं, तो क्या ये पर्याप्त नहीं हैं?
दरअसल, ज़्यादातर लोग सोचते हैं कि EPF की राशि रिटायरमेंट के लिए पर्याप्त होगी। लेकिन इस पर गहराई से विचार करने की ज़रूरत है। कई चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) और वित्तीय सलाहकार कहते हैं कि EPF सभी रिटायरमेंट ज़रूरतों को पूरा नहीं कर सकता।
EPF की राशि पर्याप्त क्यों नहीं है?
देश में ज़्यादातर लोग 75 से 80 साल तक जी रहे हैं, यानी रिटायरमेंट के बाद भी उन्हें 20-25 साल तक पैसों की ज़रूरत होती है, और फिलहाल EPF पर लगभग 8% ब्याज मिल रहा है। लेकिन मुद्रास्फीति की दर भी 6 से 7% सालाना की दर से बढ़ रही है, यानी वास्तविक वृद्धि बहुत कम बनी हुई है। मौजूदा दौर में खर्च करने का तरीका भी बदल गया है। अब मध्यम वर्ग अपने बच्चों की पढ़ाई, कार, घर और घूमने-फिरने पर ज़्यादा खर्च करता है। ऐसे में अतिरिक्त बचत कम होती जा रही है। ऐसे में बुढ़ापे के लिए उचित वित्तीय योजना की ज़रूरत है।
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि आपको अपनी सैलरी का 20 प्रतिशत जोखिम के साथ निवेश करना होगा। अगर आपकी सैलरी 50 हज़ार रुपये है, तो आपको इसका कम से कम 20 प्रतिशत यानी 10 हज़ार रुपये म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए। वो भी लंबी अवधि के लिए। PPF या EPF को एक और विकल्प के रूप में देखा जा सकता है।
तो फिर विकल्प क्या है?
क्या म्यूचुअल फंड में निवेश करने से लक्ष्य हासिल हो जाएगा? आइए समझते हैं... अगर आप 10 हज़ार रुपये की मासिक SIP करते हैं तो आपको 10 साल में 12% रिटर्न के हिसाब से कुल 23,23,391 रुपये मिलेंगे। जबकि 15% सालाना ब्याज पर 27,86,573 रुपये मिलेंगे। इस दौरान आपको 10 साल में कुल 12 लाख रुपये निवेश करने होंगे।
लेकिन जैसे-जैसे निवेश का समय बढ़ता है, रिटर्न हैरान करने लगते हैं। 20 साल तक 10 हज़ार रुपये प्रति माह की SIP पर 12% रिटर्न के हिसाब से ही आप करोड़पति बन जाएँगे, क्योंकि आपको कुल 99,91,479 रुपये (करीब 1 करोड़ रुपये) मिलेंगे। वहीं, अगर 15 प्रतिशत के हिसाब से रिटर्न मिले तो 20 साल में 1,51,59,550 रुपये मिलेंगे।
अब अंत में 30 साल के आंकड़ों पर नज़र डालते हैं। अगर आप अगले 30 सालों तक बिना रुके 10 हज़ार रुपये की मासिक SIP करते हैं, तो आपको 12% सालाना ब्याज दर पर कुल 3,52,99,138 रुपये (3.5 करोड़ रुपये) मिलेंगे। अब 30 सालों के लिए 15% के हिसाब से आपको 10,000 रुपये के निवेश पर कुल 7,00,98,206 रुपये (7 करोड़ रुपये) मिलेंगे। यानी जब आप 55 साल के होंगे, तो आपके पास 7 करोड़ रुपये से ज़्यादा होंगे। इससे आप बीच-बीच में बच्चों की पढ़ाई, घर, कार और बच्चों की शादी जैसी बड़ी ज़रूरतों के लिए पैसे निकाल भी सकते हैं।
म्यूचुअल फंड में थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करें
इसलिए अगर आप EPF या PPF में कुछ रकम जमा कर रहे हैं और सोच रहे हैं कि रिटायरमेंट के लिए यह काफ़ी है, तो आपको सोचने की ज़रूरत है। आपको महंगाई से लड़ते हुए ज़्यादा रिटर्न के लिए म्यूचुअल फंड में ज़रूर निवेश करना चाहिए। ताकि बुढ़ापे में आर्थिक तंगी न आए।
हालांकि, वित्तीय विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि आमदनी बढ़ने के साथ-साथ निवेश भी बढ़ाना चाहिए। नियम के मुताबिक, SIP की राशि में हर साल 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होनी चाहिए। इससे आप अपने सबसे बड़े वित्तीय लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे।
अगर आप 10,000 रुपये प्रति माह से अपना निवेश शुरू करते हैं और इसे सालाना 10% बढ़ाते हैं, तो आपको 30 साल में कुल 15,02,22,698 रुपये (15 करोड़ रुपये से ज़्यादा) मिलेंगे। इसकी गणना 15% सालाना रिटर्न के हिसाब से की जाती है। इसलिए हर किसी को कमाई की शुरुआत से ही SIP के बारे में सोचना चाहिए। छोटे निवेश से भी बड़ी रकम जुटाई जा सकती है। बस बचत और दृढ़ इच्छाशक्ति ज़रूरी है।