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अतीत की परछाइयों से कैसे निकले? 3 मिनट के इस शानदार वीडियो में जाने वो 7 मानसिक अभ्यास जो आपको आज में जीना सिखायेंगे 

 

हम सभी के जीवन में ऐसा समय आता है, जब बीता हुआ कल, उसकी कड़वी यादें, अधूरे सपने या पछतावे बार-बार हमारे मन में दस्तक देते हैं। कभी किसी रिश्ते का टूटना, किसी मौके का हाथ से निकल जाना या कोई गलती जो आज भी परेशान करती है—ये सब हमारी मानसिक शांति को भंग करते हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह होता है: हम कैसे अपने बीते हुए कल को भुला कर आने वाले कल और आज को अच्छा बना सकते हैं?

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/GkQN3XqOCzI?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/GkQN3XqOCzI/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="बुरी और पुरानी यादों से कैसे पाएं छुटकारा | How To Remove Bad Memories | Erase Old Painful Memories" width="1250">
अतीत का बोझ क्यों होता है भारी?

मनुष्य की स्मृति एक वरदान भी है और कई बार अभिशाप भी। हम अपने अनुभवों से सीखते हैं, लेकिन कई बार यही अनुभव हमारे विकास में बाधा भी बन जाते हैं। जब हम बीते हुए कल की घटनाओं को बार-बार याद करते हैं, तो हम अपनी वर्तमान ऊर्जा को नकारात्मकता में झोंक देते हैं। ये यादें हमें आत्मग्लानि, अपराधबोध और चिंता की स्थिति में ले जाती हैं।

बीते कल को छोड़ना क्यों जरूरी है?
मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा: अगर हम अतीत में उलझे रहेंगे, तो मानसिक थकान, तनाव और अवसाद का शिकार हो सकते हैं। अतीत को छोड़ना आत्म-हीलिंग का पहला कदम है।

वर्तमान में जीने की कला: आज में जीना तभी संभव है जब बीते कल की परछाइयों से बाहर निकला जाए। वर्तमान क्षण में ही हमारी असली शक्ति छिपी होती है।
भविष्य का निर्माण: आने वाला कल केवल तभी अच्छा हो सकता है जब आज सकारात्मक कार्य करें। लेकिन अगर हम बीते कल में ही खोए रहेंगे, तो आज कुछ कर ही नहीं पाएंगे।

बीते कल को भूलने के 7 व्यावहारिक उपाय:
1. स्वीकार करें कि अतीत को बदला नहीं जा सकता:

बीता कल चाहकर भी बदला नहीं जा सकता। यह स्वीकार करने से मन को शांति मिलती है। यह पहला कदम है healing की दिशा में।

2. जो हुआ, उसमें कुछ सिख लेने की कोशिश करें:
हर घटना, चाहे अच्छी हो या बुरी, कोई न कोई सीख देती है। उस अनुभव से मिली सीख को अपने व्यक्तित्व का हिस्सा बनाएं और आगे बढ़ें।

3. आत्म-माफी (Self-Forgiveness) का अभ्यास करें:
अगर अतीत की गलती आपकी है, तो खुद को माफ करना सीखें। कोई भी परिपूर्ण नहीं होता, और हर कोई गलतियां करता है। यह मानना आपको हल्का महसूस कराएगा।

4. ध्यान और मेडिटेशन का सहारा लें:
मन को वर्तमान में रखने के लिए मेडिटेशन एक बेहद असरदार उपाय है। रोज 10–15 मिनट ध्यान करने से मन शांत होता है और अतीत की यादें कमज़ोर पड़ती हैं।

5. व्यस्त रहें, नए लक्ष्य बनाएं:
जब हम किसी रचनात्मक कार्य में व्यस्त होते हैं, तब हमारा ध्यान अतीत से हटकर भविष्य और वर्तमान की ओर लगने लगता है। नए लक्ष्य और छोटी उपलब्धियाँ आत्म-विश्वास बढ़ाती हैं।

6. भावनाओं को साझा करें:
कभी-कभी बात करने से मन हल्का होता है। किसी विश्वसनीय दोस्त, परिजन या काउंसलर से अपने मन की बातें साझा करें। इससे आपकी भावनाओं को अभिव्यक्ति मिलेगी।

7. लेखन-चिकित्सा (Journaling):
अगर कोई बात बहुत परेशान कर रही है, तो उसे एक डायरी में लिख लें। यह मानसिक शुद्धिकरण का तरीका है, जिससे मन हल्का होता है और विचारों की स्पष्टता आती है।

आने वाले कल को बेहतर बनाने की शुरुआत आज से
बीते कल को भूलना एक दिन में नहीं होता, लेकिन यदि हम हर दिन एक छोटा-सा कदम उठाएं, तो धीरे-धीरे मन हल्का होता चला जाता है। बेहतर कल की नींव आज रखी जाती है—वर्तमान में किए गए निर्णय, सोच और कार्यों से।हर दिन सुबह उठते समय खुद से कहें, "मैं आज कुछ अच्छा करूंगा। मैं बीते कल से आज को बेहतर बनाऊंगा।"खुद से प्यार करें, खुद को समझें और आगे बढ़ने का संकल्प लें।