आखिर क्यों करवा चौथ के दिन चांद की ही पूजा की जाती है, कारण जानकर हैरान हो जाएंगे आप !
हम सब इस बात को तो जानते हैं कि आज का दिन महिलाओं के लिए सबसे बड़ा दिन माना जाता है ओर इस दिन सभी महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है तथा रात का चांद की पूजा करने के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं। मगर क्या आप जानते है कि आज के दिन चांद की ही पूजा क्यों कि जाती है। तो आइए आज हम आपको बता दें कि आज के दिन केवल चांद की ही पूजा क्यों करती है।
पुरानी मान्यता के अनुसार बताया जा रहा है कि भगवान शिव के द्वारा चंद्रमा को लंबी आयु का वरदान दिया गया हैं। आपको बता दें कि चांद प्रेम और प्रसिद्धि का प्रतीक माना जाता है। यही कारण है कि सुहागिन महिलाएं आज के दिन यानी करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा करती हैं ताकि चंद्रमा के जैसे ही उनके पति की भी लंबी उम्र हो जाएं।
चंद्रमा की पूजा के संबंध में भगवान राम ने भी कहा है कि चांद में जो काली छाया पड़ती है दरअसल वह जहर है जो कि उसके भाई की हैं आपको बता दें कि जब संमुद्र मंथन हुआ था तब चांद और जहर दोनों एक साथ निकले थे। जिसके कारण चांद ने जहर को अपने ह्रदय में स्थान दिया, जिसके कारण चांद में आपको दाग दिखाई देता है।
करवा चौथ के दिन महिलाएं पूजा इसलिए भी करती है ताकि उनको उनके पति से वियोग नहीं सहन करना पड़ें। शिवजी ने चंद्रमा को अपनी जटाओं में धारण किए हुए जिसके कारण से लंबी आयु का प्रतीक माना जाता है और इसी कारण से करवा चौथ के दिन महिलाएं चांद की पूजा करती है।