सोरायसिस क्यों होता है? विशेषज्ञ ने बताए इसके मुख्य कारण, लक्षण और इलाज के तरीके
कई बार हमारे शरीर पर खुजली और पपड़ीदार त्वचा दिखाई देने लगती है। यह समस्या ज़्यादातर सिर, कोहनी, चेहरे, कानों के आसपास और घुटनों पर देखी जाती है। इस स्थिति को सोरायसिस कहते हैं। पीएसआरआई अस्पताल के त्वचा विशेषज्ञ डॉ. भावुक धीर बताते हैं कि सोरायसिस में त्वचा पर लाल चकत्ते, सूजन और सफेद परतें जमने लगती हैं। यह बीमारी संक्रामक नहीं है, लेकिन लंबे समय तक परेशान कर सकती है। यह स्थिति पूरी तरह से ठीक नहीं होती, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
सोरायसिस क्यों होता है?
सोरायसिस के मुख्य कारण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन यह रोग हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली में गड़बड़ी से जुड़ा है। आमतौर पर त्वचा की कोशिकाएँ हर 28 से 30 दिनों में बनती हैं, लेकिन सोरायसिस में यह प्रक्रिया बहुत तेज़ हो जाती है और सिर्फ़ 3 से 4 दिनों में नई कोशिकाएँ बनने लगती हैं। इससे त्वचा पर परतें जमने लगती हैं। इसके अलावा, पारिवारिक इतिहास, तनाव, धूम्रपान, शराब, मोटापा और कुछ दवाओं का सेवन भी इसके जोखिम को बढ़ा सकता है।
सोरायसिस होने पर ये लक्षण दिखाई देते हैं:
सोरायसिस के लक्षणों में त्वचा पर लाल धब्बे, चांदी जैसी परत, खुजली, जलन और कभी-कभी जोड़ों में दर्द शामिल हैं। ये लक्षण खोपड़ी, कोहनी, घुटनों, पीठ और नाखूनों पर ज़्यादा दिखाई देते हैं। कुछ रोगियों को बार-बार दरारें पड़ने और खून आने जैसी समस्या भी हो सकती है।
सोरायसिस को कैसे नियंत्रित करें?
डॉ. धीर कहते हैं कि इस बीमारी से पूरी तरह छुटकारा पाना संभव नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। त्वचा को हमेशा नमीयुक्त रखें, तनाव से बचें, संतुलित आहार लें और धूम्रपान व शराब से दूर रहें। अगर त्वचा पर लगातार लाल धब्बे या परतें दिखाई दें, तो त्वचा विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। सही समय पर इलाज लेकर इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है।