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सोने के लिए लेते हैं नींद की दवा तो जरूर जान ले उसके घातक परिणाम

 

 

जयपुर । आज कल लोगों की जो जीवन शेली हो चली है उसके चलते उनके जीवन में कई सारे बड़े बदलाव और परेशानियाँ बढ़ गई है । एक समय था जब नींद की परेशानी बड़े बुजुर्गों को ही हुआ करती थी । पर आज कल हमारे रहन सहन का तरीका बिलकुल बदल गया है जिसकी वजह से लगभग लोगों को नींद से जुड़ी परेशानियाँ होने लगी है ।

ऐसे में नींद ना आने  की परेशानी से निजात  पाने के लिए लोगों ने नींद की दवा का सेवन करने की आदत अपना ली है । पर लोगों क इस बात की जरा भी जानकारी नहीं है की इसका सेवन करना हमारी सेहत पर क्या असर दाल रहा है । आइये आज हम आपको इससे जुड़ी जानकारी दे देते हैं और बताते हैं इसके साइड इफ़ेक्ट्स के बारे में ।

अधिकांश नींद की गोलियों को सेडेटिव हिपनॉटिक्स के रूप में जाना जाता है। यानी नींद को सम्मोहित करनेवाले तत्वों का मिश्रण। यह दवाइयों या ड्रग्स की दुनिया में एक अलग कैटिगरी है, जिसका उपयोग नींद को बढ़ाने और बनाए रखने के लिए किया जाता है। इन सेडेटिव हिपनॉटिक्स में बेंजोडायजेपाइन, बार्बिटूरेट्स और विभिन्न हिपनॉटिक्स शामिल होते हैं। बेंजोडायजेपाइन के सेवन से व्यक्ति को उनींदापन यानी हर समय ड्राउजीनेस फील होती है।

नींद की गोली का सेवन  कुछ समय के लिए जरूर आपको लाभदायक लग सकता है लेकिन इनके अधिक इस्तेमाल से यादाश्त पर असर और अटेंशन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। डॉक्टर्स भी ऐसी दवाइयां लंबे ट्रीटमेंट के लिए नहीं देते हैं। ऐसा इन दवाइयों में मौजूद बार्बिटूरेट्स के कारण होता है। कम या लंबे समय तक प्रभावी रहनेवाले बार्बिटूरेट्स सेडेटिव्स को स्लिपिंग पिल्स के रूप में दिया जाता है। लेकिन आमतौर पर ये हाइपनोटिक ड्रग्स बहुत सीमित मात्रा में दिए जाते हैं। बिल्कुल एनीस्थिसिया की तरह। इनकी ओवर डोज बेहद घातक हो सकती है।

नींद की गोली का सेवन  कुछ समय के लिए जरूर आपको लाभदायक लग सकता है लेकिन इनके अधिक इस्तेमाल से यादाश्त पर असर और अटेंशन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। डॉक्टर्स भी ऐसी दवाइयां लंबे ट्रीटमेंट के लिए नहीं देते हैं। ऐसा इन दवाइयों में मौजूद बार्बिटूरेट्स के कारण होता है। सोने के लिए लेते हैं नींद की दवा तो जरूर जान ले उसके घातक परिणाम