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आपको मानसिक बीमारियों का शिकार बना सकती हैं ये खराब आदतें, जानकर रह जाएंगे हैरान

 

जयपुर। कई शोध में सामने आ चुका है कि इंसान की नियमित जीवनशैली ही उसके स्वास्थ के लिए जिम्मेदार होती है। आप अपनी नियमित जीवनशैली में किस प्रकार की आदतें अपनाते हैं इसका सीधा प्रभाव आपकी दिमागी सेहत पर पड़ता है। अगर आदतें खराब हैं तो इससे याद्दाश्त औऱ एकाग्रता बहुत बुरी तरह प्रभावित होगी औऱ दिमागी रोग उत्पन्न होने लगेंगे। वहीं शरीर औऱ भावनाओं को नियंत्रित करने वाला हमारा शरीर इससे नासिर्फ हमारी याददाश्त और एकाग्रता प्रभावित होती है बल्कि ये दिमागी गतिविधियों को भी प्रभावित करता है। इसलिए आज हम आपको जावनशैली से जुडी उन खराब आदतों से अवगत करवाने जा रहे हैं जो आपके दिमागी स्वास्थ को प्रभावित करते हैं-

सुबह का नाश्ता छोड़ना

अकसर की लोग जल्दी-जल्दी के चक्कर में या फिर भूख ना लगने के कारण सुबह का नाश्ता छोड़ देते हैं। लेकिन आपको बता दें कि सुबह का नाश्ता इंसान के शरीर औऱ दिमागी स्वास्थ को बेहतर बनाने में मददगार होता है। अगर आप नाश्ता नहीं करेंगे तो आपका स्वास्थ गडबडाने लगेगा और दिमागी क्षमता भी प्रभावित होगी।

चीनी का अधिक सेवन

चीनी का अधिक सवन आपको मोटापा, डायबिटीज, कैंसर जैसी घातक बीमारियों के चंगुल में धकेल सकता है। इससे आपकी दिमागी स्वास्थ प्रभावित होता है क्योंकि इससे रक्त में शुगर की मात्रा और प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स समेत खई पोषक तत्व आपके दिमाग तक नहीं पहुंच पाते।

मल्टी टास्किंग

अकसर कई लोगों को एक साथ तीन-चार कामों में लगे रहने की आदत होती है लेकिन बता दें कि एक साथ कई काम करने वाली लोगों की शारिरिक औऱ मानसिक क्षमता प्रभावित होती है जिससे दिमागी बीमारियों का खतरा काफी हद तक बढ जाता है। इससे ब्रेन टिशु प्रभावित होते हैं और उनके सिकुडन आने लगती है।

मुंह ढककर सोना

मुंह ढककर सोने की आदत लोगों के दिमाग को कमजोर बना सकती है। क्योंकि इस दौरान मुंह के आसपास ऑक्सीजन और कार्बन डाई ऑक्साइड का इकट्ठा होना शुरु हो जाता है। बता दें कि अधिक मात्रा में कार्बन डाई ऑक्साइड का फेफड़ों तक पहुंचना जानलेवा साबित हो सकता है।

ऑवर इंटिंग

अकसर कई बार शौक ही शौक में लोग काफी सारा खाना खा लेते हैं जो उनके दिमाग को प्रभावित करता है। लेकिन बता दें कि इससे मोटापा तो बढता ही है, साथ में आपके दिमाग भी बुरी तरह प्रभावित होता है। इससे दिमाग का धमनियां जरूरत से ज्यादा कठोर हो जाती है और दिमाग में खून का प्रवाह बाधित होने लगता है।