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बचपन में जिन लड़कियों को मोटा बोला जाता है, उनमें बड़े होकर भी मोटापे का खतरा होता है, जानिए क्यों?

 

युवा लड़कियां, जिन्हें परिवार और साथियों द्वारा मोटी कहा जाता है, उनमें मोटापे खतरा और भी बढ़ जाता है। कैलिफोर्निया लॉस एंजिल्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि लड़कियों को 10 साल की उम्र में मोटा कहने पर वो 19 वर्ष की उम्र में मोटापे से ग्रस्त थे। यह अनुसंधान 1,213 अफ्रीकी-अमेरिकी लड़कियों और 1,166 सफेद उत्तरी कैलिफोर्निया में रहने वाले लड़कियों पर किया गया।

अध्ययन में लगभग 58 प्रतिशत लड़कियों को मोटी 10 साल की उम्र में बुलाया गया था। शोधकर्ताओं ने अध्ययन की शुरुआत में और फिर नौ साल के बाद सभी प्रतिभागियों की ऊँचाई और वजन का आकलन किया।

शोधकर्ताओं ने पाया कि अन्य लड़कियों के मुकाबले जिन्हें मोटी के रूप में लेबल किया जाता था, वो 1.66 गुना ज्यादा मोटापे से ग्रस्त हैं। इसके अलावा, जैसा कि एक लड़की को मोटी बुलाए गए लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है, वैसे ही मोटापे से ग्रस्त होने का उनका खतरा भी बढ़ता है।

ऐसा नहीं है कि अगर बचपन में किसी लड़की को मोटी कहा जाता था और वह बड़ी होकर भी मोटी है। इसके अलावा जो लड़कियां सामान्य वजन रखती थी और उन्हें मोटी बुलाया जाता था तो वे भी आगे चलकर मोटापे का शिकार हुई।

पिछले शोध में यह पता चला है कि 3 से 6 साल की आयु के रूप में लड़कियों को अपने वजन की चिंता होती है। इसके अलावा, जो लड़कियों को अपनी शारीरिक छवि के बारे में सचेत हैं। तो वे बढ़ने के साथ ही anorexia nervosa या bulimia विकसित कर सकते हैं। बच्चों को अपने वजन के बारे में उकसाने के बजाय स्वस्थ खाने के लिए प्रोत्साहित करना उनके वजन को कम कर सकता है। शोधकर्ताओं ने एक समाचार रीलीज में कहा कि हर कोई मानता है कि आप जितना अधिक वजन खो देंगे, आप स्वस्थ होंगे। लेकिन मृत्यु दर सबसे कम दर उन लोगों में है जो अधिक वजन वाले हैं।