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शोध: टाइप-2 डाइबिटीज से पीडित महिलाओं में बढ जाती है अनियमित पीरियड्स की संभावना

 

जयपुर। दिन महिलाओं को टाइप-2 की समस्या होती है, उनमें अनियमित पीरियड्स का खतरा बढ जाता है। यह बात हम नहीं हालिया वैज्ञानिकी शोध में सामने आई है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो में संचालित इस शोध में सामने आया है कि सिर्फ टाइप-2 डायबिटीज ही अनियमित पीरियड्य का कारण नहीं होती, बल्कि प्रेगनेंसी, हार्मोनल असंतुलन, संक्रमण, बीमरियां और दवाएं भी इस समस्या के लिए जिम्मेदार होती है।

रिसर्च में पाया गया है कि जिन महिलाओं का वजन अधिक और मोटापा होता है, वह महिलाएं दूसरों के मुकाबले इस समस्या का ज्यादा जल्दी शिकार हो जाती है मोटापा पीसीओस का खतरा बढाने में जिम्मेदार होता है। पीसीओज ही आमतौर पर डायबिटीज और कई तरह की मेटाबॉलिक समस्याओं का शिकार होते हैं। अकसर इस समस्याओं पर महिलाओं का ध्यान नहीं जाता। इसके लक्षण चेहरे पर बालों का उगना, अनियमित माहवारी, गर्भधारण में समस्या, आदि के रूप में सामने आते हैं।

मोटापा

आज के समय में मोटापा एक आम समस्या बन गई है जिसका कारण अधिक वसा युक्त भोजन का सेवन, व्यायाम की कमी और जंक फूड का सेवन करना शामिल है। और यह मोटापा ही महिलाओं के स्वास्थ को कई प्रकार प्रभावित करता है।

खराब डाइट

आजकल डायबिटीज की समस्या का जिम्मेदार खराब डाइट को भी बताया जाता है जिसमें जंक फूड, अत्यधिक तैलीय, मीठा व फैट युक्त भोजन का सेवन शामिल है। लेकिन बता दें कि महिलाएं अगर इनका सेवन करती हैं उनमें अनियमित पीरियड्य का खतरा बढ जाता है।

लाइफस्‍टाइल

अकसर तनाव और अधिक चिंतन-मनन के कारण लडकियां बहुत ही कम उम्र में इस समस्या का शिकार हो रही है। इसके अलावा, नाइट पार्टी में ड्रिंक और स्‍मोकिंग लड़कियों भी इन समस्याओं को बढा रही है। इसलिए इन आदतों को छोड़कर जल्द से जल्द वर्कआउट और योगा करना बेहतर रहता है।