अद्भुत अमलतास : पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मददगार, त्वचा रोगों के लिए भी रामबाण
नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। प्रकृति में ऐसे कई पेड़-पौधे हैं जो न सिर्फ सुंदरता बढ़ाते हैं, बल्कि सेहत के लिए भी वरदान हैं। ऐसा ही एक पेड़ है अमलतास, जिसे अंग्रेजी में गोल्डन शॉवर ट्री कहते हैं।
अमलतास देखने में जितना खूबसूरत होता है, इसमें कई सारे औषधीय गुण भी होते हैं।
अमलतास का वैज्ञानिक नाम कैसिया फिस्टुला है। इसके चमकीले पीले फूल दूर से ही मन मोह लेते हैं। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय इसके औषधीय गुणों के बारे में विस्तार से जानकारी देता है। यह पीला फूल कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने में मददगार है और आयुर्वेद में इसे महत्वपूर्ण दर्जा प्राप्त है।
अमलतास आयुर्वेद में सदियों से इस्तेमाल होता रहा है। अमलतास के फूलों में कैम्फेरोल, राइन और फाइटोल जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई तरीकों से फायदा पहुंचाते हैं। फूल के साथ ही इसकी छाल, पत्तियां और फलियां औषधि के रूप में काम आती हैं। इससे सबसे बड़ा फायदा पाचन तंत्र को मिलता है। पुरानी से पुरानी कब्ज हो, अमलतास का गूदा रात में पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट लेने से पेट साफ होता है और आंतें मजबूत बनती हैं।
त्वचा रोगों में भी अमलतास किसी रामबाण से कम नहीं है। इसके फूलों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और सूजन-रोधी गुण खुजली, दाद, खाज और एग्जिमा जैसी समस्याओं में राहत देते हैं। फूलों का लेप या काढ़ा लेने से त्वचा की चमक लौटती है और संक्रमण कम होता है। इसके अलावा, अमलतास बुखार उतारने, जोड़ों के दर्द में आराम और शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद करता है।
इसके फूलों का इस्तेमाल प्राकृतिक रूप से त्वचा की खोई चमक वापस लाने और सूजन कम करने के लिए किया जाता है। हालांकि, एक्सपर्ट बताते हैं कि अमलतास का सेवन सीमित मात्रा में और आयुर्वेदाचार्य की सलाह से ही करना चाहिए, क्योंकि अधिक मात्रा में सेवन से दस्त लग सकते हैं।
--आईएएनएस
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