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ओरल हेल्थ: दांत के कीडों को नष्ट करने में मददगार हैं ये उपाय, जानें इनके सभी फायदे

 

आधुनिकता के बढ़ते दौर और खराब खान-पान के कारण लोग आजकल कुछ भी खाने पीने लगे हैं, जिसका बुरा प्रभाव उनके दातों पर पड़ता है। इस दौरान दातों में कीडा लगने की समस्या भी हो जाती है, जो अपने साथ और भी कई समस्याएं लेकर आती है। इसका मुख्य कारण मुंह की सफाई बेहतर तरीके से न करना होता है।  हालांकि, खाना, ब्रश न करना और खाने के बाद कुल्ला न करना आदि कारण भी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं। लेकिन आज हम आपको उन घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहें हैं जिन्हें अपमनाकर आप आसानी से इन समस्याओं से निजात पा सकते हैं-

हींग

हींग का प्रयोग आणतौर पर खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं हींग का इस्तेमाल करके आप दांतों में कीड़े और दर्द की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। इसके लिए एक ग्लास पानी में दो चुटकी हींग और चार चुटकी सेंधा नमक डालकर उबाल लेना चाहिए। अब इस पानी से 10 मिनट तक कुल्ला करें।

लौंग

लौंग को आयुर्वेद में औषधि माना जाता है क्योंकि इसमें मौजूद गुण आपको स्वास्थ से लेकर ओरल हेल्थ को दुरुस्त करने में भी मददगार होते हैं। अगर आपको अकसर दांतों में कीड़े लगने की समस्या होती है तो 2-3 लौंग को बारीक पीसकर कीडे लगने की जगह पर लगाना चाहिए। आप चाहें तो लौंग के तेल का प्रयोग भी कर सकते हैं।

लहसुन

एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-बायोटिक गुणों से भरपूर लहसुन ना सिर्फ आपको दर्द से राहत दिलाता है बल्कि दांतों का कीड़ा भी बाहर निकाल देता है। ओरल हेल्थ दुरुस्त करने के लिए लहसुन की एक कली को दिन में तीन से चार बार चबाते रहना चाहिए। आप चाहें तो लहसुन पीसकर सेंधे नमक के साथ दातं में लगा सकते हैं।

सरसों का तेल

सरसों का तेल रसोई में खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है लेकिन इसमें मौजूद औषधीय गुण आपको दांतों का कीडा औऱ पीलापन से निजात दिलाते हैं। इसके प्रयोग के लिए दो चुटकी सेंधा नमक में तीन-चार बूंद सरसों का तेल डालकर पेस्ट बना लेना चाहिए। इस पेस्ट को दातों के नीचे दबाने से खास आराम मिलता है।

नीम का दातुन

नीम में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण मुंह और दातों में मौजूद बैक्टीरिया, फंगस और कीटाणुओं को बाहर निकालते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो नीम की पतली टहनी और छालों से दातुन करने पर कीड़े नष्ट हो जाते हैं। इससे दांतों की मजबूती बढ़ती और दर्द में रहात मिलती है। इससे मुंह की दुर्गंमध भी चली जाती है।