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वर्कप्लेस बर्न आउट से हो सकती है आपको शारीरिक और मानसिक तौर पर गंभीर ब

 

 

जयपुर । आज कल जिस तरह की जीवन शेली हएएम जी रहे हैं वह बहुत ही ज्यादा तनाव भरी रहती है । ऊपर से लोग ज़्यादातर काम काजी हो गए हैं जिसके कारण काम काज को और पर्सनल लाइफ को बैलेंस नहीं करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है ।

इस असंतुलन के कारण स्ट्रेस बढ़ता है जिससे गंभीर मानसिक और शारीरिक बीमारियों का खतरा बढ़ता है। इसी वजह से बीते दिनों वर्कप्लेस बर्नआउट को लेकर लोगों में चिंता जगी है। लोगों को लगता है कि काम की जगह पर थकने होने से आप झुंझलाहट और निराशा महसूस करते हैं। लेकिन वास्तव में परिणाम इससे कहीं गभीर हैं। लॉन्ग टर्म स्ट्रेस गंभीर शारीरिक रोगों के लिए भी जिम्मेदार है।

कई लोगों के लिए तनाव का सबसे बड़ा कारण उनका वर्कप्लेस होता है। बर्नआउट से क्रोनिक स्ट्रेस हो सकता है। ज्यादातर लोग शॉर्टटर्म स्ट्रेस मैनेज करने में सक्षम होते हैं लेकिन लगातार स्ट्रेस में रहने से वे वर्कप्लेस बर्नआउट का शिकार हो जाते हैं। इससे आपके काम करने की क्षमता पर तो असर पड़ता ही है, आपकी सेहत भी इससे बुरी तरह प्रभावित होती है।

वर्कप्लेस बर्नआउट को मैनेज करने में मैनेजर और इंप्लॉई दोनों को बराबर ध्यान देना होगा। इंप्लॉइज को यह समझने की जरूरत है कि वे कैसे अपना स्ट्रेस मैनेज कर सकते हैं। परिवार को पर्याप्त समय देना, फिजिकल एक्सरसाइज करना, मेडिटेशन और समय-समय पर वकेशन लेकर आप अपने आपको बेवजह के वर्कप्लेस बर्नआउट से बचा सकते हैं। वहीं मैनेजर्स भी इस बात का ध्यान रखें कि कोई इंप्लॉई काम की वजह से स्ट्रेस्ड न हो। चाहें तो निजी तौर पर उनसे बात करें। किसी एक व्यक्ति पर काम का बोझ ज्यादा हो रहा हो तो उसे सबमें बराबर बांटने की कोशिश करें।

कई लोगों के लिए तनाव का सबसे बड़ा कारण उनका वर्कप्लेस होता है। बर्नआउट से क्रोनिक स्ट्रेस हो सकता है। ज्यादातर लोग शॉर्टटर्म स्ट्रेस मैनेज करने में सक्षम होते हैं लेकिन लगातार स्ट्रेस में रहने से वे वर्कप्लेस बर्नआउट का शिकार हो जाते हैं। इससे आपके काम करने की क्षमता पर तो असर पड़ता ही है, आपकी सेहत भी इससे बुरी तरह प्रभावित होती है। वर्कप्लेस बर्न आउट से हो सकती है आपको शारीरिक और मानसिक तौर पर गंभीर ब