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जानें क्या है फाइलेरिया की बीमारी और यह कैसे होती है

 

आज के वक़्त जहाँ अनेकों नयी बीमारियां फैलती जा रही है वहीँ कुछ पुरानी बीमारियों का या तो नामो निशाँ मिट गया है या फिर वो इतनी कम हो गयी हैं कि लोग अब शायद उन बीमारियों के बारे में भूलने लगे हैं| हम हर दिन आज के वक़्त में फैल रही कुछ खतरनाक बीमारियों के बारे में ही सोचते हैं और उनसे बचने की कोशिश करते हैं जिनमे हार्ट प्रॉब्लम, ब्लड प्रेशर और कैंसर जैसी बीमारियां शामिल हैं| आज आपको एक ऐसी बीमारी के बारे में बताते हैं जो हैं तो हमारे लिए खतरनाक ही पर क्यूंकि बाकी बीमारियों की अपेक्षा अब वो बहुत कम हो चुकी हैं तो हम सभी के दिमाग में शायद इन बीमारियों का ख्याल भी नहीं आता पर आज भी उनसे सावधानियां बरतना बहुत ज़रूरी है|

फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है जिसमे व्यक्ति के पैरों में बहुत अधिक सूजन आ जाती है जिससे उसके पैर हांथी के पैरों के जितने मोटे हो जाते हैं इसी कारण इस बीमारी को हांथी पैर के नाम से भी जाना जाता है| फाइलेरिया रोग एक ऐसा रोग है जो ज़्यादातर गर्म प्रदेशो में ही होता है और इन्ही गर्म प्रदेशों में हमारा देश भारत भी शामिल है|

यह रोग एक परजीवी के काटने के कारण होता है जिसे फाईलेरिओडी कहते हैं जो की एक धागे के सामान दिखता है और यह एक मच्छर की ही प्रजाति होती है| जिस मच्छर के काटने से यह रोग होता है उसे क्यूलेक्स के नाम से जाना जाता है जो बाकी मच्छरों की तरह ही पानी में पनपते हैं| इस मच्छर के संक्रमण से लसिका अपना काम करना बंद कर देते है जिसकी वजहस इ फाइलेरिया रोग हो जाता है|

जब किसी व्यक्ति को क्यूलेक्स मच्छर काटता है तो उसके अंदर वह कृमि छोड़ देता है जो बाद में बड़े होकर मादा और नर जीवों में बदल जाते हैं और यह लसिका नालियों में फैल कर उसे बंद कर देते है जिससे बहुत सरे छोटे छोटे फाइलेरिया बनते हैं| इस फाइलेरिया का जीवन लगभग 2 से 3 साल तक का होता है|

फाइलेरिया के लक्षणों को व्यक्ति के अंगों में आये बदलाव से पहचाना जा सकता है| इसमें रोग से ग्रसित व्यक्ति के हॉंथ या पैर अचानक से फूलने लगते हैं या फिर कई बार यह ब्रेस्ट एरिया और गुर्दे के अस पास भी होता है| इसके लक्षणों को संक्रमित व्यक्ति के शरीर में काफी सालों के बाद देखा जा सकता है जिसमे उसे तेज़ बुखार के साथ कंपकपी होती है, गुप्तांग और जांघों के बीच गिल्टी हो जाती है और इसमें काफी दर्द भी होता है और इसमें गले में सूजन आ जाती है|

इसके इलाज के लिए इसकी दवाइयां आती हैं रोगी डॉक्टर की सलाह से ले सकता है और इससे बचाव के लिए ऐसी जगहों पर जाने से बचना चाहिए जहाँ फाइलेरिया फैल रहा हो क्यूंकि यह एक संक्रमित रोग है| इसका घरेलु इलाज भी किया जा सकता है जिसके लिए रोगी को काले अखरोट के तेल को गरम पानी में मिलाकर सुबह शाम दो बार पीना चाहिए जिससे जल्द ही इस संक्रमण को ख़त्म किया जा सके|