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इंसानों ने खतरे में डाला जानवरों का वजूद, प्रकृति पर मंडरा रहा है खतरा

 

जयपुर। वैसे तो इंसान ने कुदरत को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी हैं सब कुछ खत्म होने की कगार पर आ गया है फिर भी इसकी मन नहीं भर रहा है। जंगलो या फिर नेचुरल संसाधनों की बात हर क्षेत्र में बढ़ती हुई इंसानी गतिविधियों ने पृथ्वी का संतुलन ही बिगाड़कर रख दिया है। ग्लोबल वार्मिंग के अलावा भी कई ऐसे खतरे हैं जो हमें खुली आंखों नजर ऩहीं आ रहे हैं वो बहुत ही खतरनाक होते है। लेकिन लोगों के इसके बारे में बताने के लिए वैज्ञानिक शोध करते हैं और इस विषय पर शोध किया तो

ज्ञात हुआ की शोध की नजर से देखे तो इंसानी दखल की वजह से धरती पर मौजूद बाकी जीवों का जीवन प्रभावित हो रहा है। एक शोध से सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि इन दिनों स्तनपायी जीवों के व्यवहार में आमूलचूल परिवर्तन देखा जा रहा हैं। आपको इसके बारे में बता दे कि घटते जंगल और बढ़ते इंसानी दखल की वजह से स्तनधारी जीव अपने अस्तित्व को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसकी ज़द मे कुछ जीव तो निशाचर बन चुके हैं। आपको शायद इसका कोई खास प्रभाव ना पड़े लेकिन बता दे कि ये स्वभाव के खिलाफ इन जानवरों का

अजीब व्यवहार यह दर्शाता हैं कि अपने वजूद को बचाने के खातिर ये जानवर अब दिन की बजाए रात के समय विचरण करने लगे हैं। इसी तरह से इन जानवरों में कई तरह की गंभीर शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं क्योंकि कहीं न कहीं इंसानी दखल जंगलों में इतना बढ़ चुका है कि अब जानवरों के पास अपना वजूद खोने के बजाये और कुछ नहीं है। जानकारी के लिए बता दे कि यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं ने इन नतीजों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि इससे स्तनधारी जीवों के वजूद पर सवालिया निशान लग चुका है।