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कितना 'खतरनाक' हो सकता है बार-बार गर्भपात कराना,हो सकते हैं  ये साइड इफेक्ट्स

 

हेल्थ न्यूज़ डेस्क,गर्भावस्था अधिकतर महिलाओं के लिए एक संवेदनशील समय होता है। लेकिन कई बार अलग-अलग कारणों से गर्भपात हो सकता है जो मां और पूरे परिवार के लिए दर्दनाक होता है। कई बार अनचाहे गर्भ के कारण तो कई बार जेनेटिक या लाइफस्टाइल कारणों से गर्भपात की नौबत आ जाती है। गर्भपात दो तरह से होता है, एक मामले में दवा लेकर और दूसरे मामले में सर्जिकल उपकरणों के जरिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार गर्भपात  से महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है।

आइए आज जानते हैं कि गर्भपात से महिलाओं के शरीर और मानसिक स्वास्थ्य पर किस तरह का असर पड़ता है। गर्भपात के साइड इफेक्ट्स गर्भपात के बाद महिलाओं को लंबे समय तक ब्लीडिंग की समस्या का सामना करना पड़ता है। यह ब्लीडिंग 15 से 25 दिनों तक चलती है और इसका असर यह होता है कि शरीर में खून की बहुत अधिक कमी हो जाती है। कई बार खून की कमी इतनी अधिक हो जाती है कि महिला एनीमिया की शिकार हो जाती है। इसके साथ ही गर्भपात के बाद पेट में दर्द, ऐंठन, ऐंठन आदि जैसी समस्याएं होने लगती हैं।

महिलाओं को चक्कर आना, जी मिचलाना और उल्टी होने के साथ ही उनींदापन भी बना रहता है। आपको बता दें कि गर्भपात के बाद गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब को भी नुकसान पहुंचता है। बार-बार गर्भपात के कारण गर्भाशय की परत इतनी कमजोर हो जाती है कि बाद में गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है। गर्भपात के बाद ज्यादातर महिलाओं के पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। कुछ को बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होती है तो कुछ को बहुत कम। गर्भाशय फटने की स्थिति हो सकती है अगर बार-बार गर्भपात कराया जा रहा है तो फैलोपियन ट्यूब भी क्षतिग्रस्त हो जाती है जिससे भविष्य में गर्भधारण करने में समस्या आ सकती है।