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Corona infection:शोध में खुलासा, रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर कोरोना मरीजों में मौत का दुगुना खतरा

 

जयपुर।अभी तक कोरोना संक्रमण को रोकने वाली प्रभावी वैक्सीन की खोज नहीं की जा सकीं है।ऐसे में इस समय कोरोना संक्रमितों की मौत का आंकड़ा लगात्तार बढ़ता जा रहा है।ऐेस में कोरोना संक्रमण को लेकर किए जा रहें एक अध्ययन में इस बात का खुलासा किया गया है कि कोरोना संक्रमित मरीजों में कशेरुक फ्रैक्चर होने के कारण मरने की संभावना दोगुनी है।

जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित लेख में इस शोध के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया है कि रीढ़ की हड्डी में ब्लॉक या वर्टेब्रल बॉडी में कशेरुकी फ्रैक्चर तब होते हैं, जिससे गंभीर दर्द, विकृति और ऊंचाई का नुकसान हो सकता है।रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर ऑस्टियोपोरोसिस के कारण होते हैं। वर्टेब्रल फ्रैक्चर का खतरा कोरोना मरीजों में अधिक देखने को मिला है और यह कार्डियोरेस्पिरेटरी फ़ंक्शन रोग परिणामों को प्रभावित कर सकते है।इससे कोरोना संक्रमित मरीजों में मौत का खतरा दुगुना होने की संभावना रहती है।

सैन रैफेल वीटा-सैल्यूट यूनिवर्सिटी इटली के शोधकर्ताओं ने अपने इस अध्ययन में पाया है कि वेफब्रल फ्रैक्चर क्रैटिलिटी और ऐसे फ्रैक्चर वाले व्यक्तियों को गंभीर कोरोना संक्रमण का खतरा रहता है।शोधकर्ताओं ने 114 कोरोना संक्रमित रोगियों के एक्स-रे का अध्ययन किया और 35 प्रतिशत में थोरैसिक कशेरुक फ्रैक्चर का पता लगाया है, जो कि कोरोना संक्रमितों में मौत का कारण बन सकता है।

वेफब्रल फ्रैक्चर क्रैटिलिटी की समस्या से बचाव के लिए वक्ष एक्स-रे कर फ्रैक्चर का पता लगा सकता है और अस्पताल में प्रवेश पर कोरोना रोगियों में मॉर्फोमेट्रिक मूल्यांकन कर भी इससे बचाव किया जा सकता है।