दुर्लभ सर्जरी से उम्मीद की नई किरण: डॉक्टरों ने सूडानी सैनिक का अंगूठा पुनर्निर्मित कर हाथ की कार्यक्षमता लौटाई
नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। देश की राजधानी दिल्ली में चिकित्सा विज्ञान का कमाल एक बार फिर देखने को मिला है। राजधानी दिल्ली के द्वारका स्थित एक निजी अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने सूडान के एक घायल सैनिक के लिए बेहद दुर्लभ और जटिल टो-टू-थंब रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी सफलतापूर्वक कर उसका जीवन बदल दिया।
अब्दल्ला अलखादेर (34), जो सूडान में संघर्ष के दौरान गोली लगने से अपने दाहिने हाथ का अंगूठा, तर्जनी और मध्यमा उंगली खो बैठे थे,वह साधारण काम भी करने में असमर्थ हो गए थे। केवल अनामिका और कनिष्ठा उंगली बचने के कारण एक कप पकड़ना, बटन लगाना, वस्तुएं उठाना और स्वयं खाना जैसे दैनिक कार्य भी चुनौती बन चुके थे। सैनिक होने के साथ-साथ एक पिता के रूप में यह विकलांगता उनके आत्मविश्वास और स्वतंत्रता दोनों को गहराई से प्रभावित कर रही थी। बेहतर उपचार की तलाश में अब्दल्ला भारत पहुंचे, जहां द्वारका के एक नीजी अस्पताल में डॉक्टर से उनका उपचार प्रारंभ हुआ। जांच के बाद डॉक्टर ने फ्री माइक्रोवास्कुलर टो-टू-थंब ट्रांसफर, एक दुर्लभ सर्जरी जिसमें पैर की उंगली को नया अंगूठा बनाकर हाथ में प्रत्यारोपित किया जाता है, की सलाह दी।
अब्दल्ला का मामला सामान्य नहीं था। गोली लगने से हाथ पर गंभीर प्रभाव पड़ा था और कई उंगलियों का अभाव होने के कारण हाथ में 'मेटाकार्पल हैंड' जैसी स्थिति बन गई थी, यानी हाथ का प्रमुख कार्यात्मक हिस्सा समाप्त हो चुका था। ऐसे में न सिर्फ नया अंगूठा बनाना था, बल्कि हाथ की गति को नियंत्रित करने वाले टेंडन और नसों के रास्तों को भी पुनर्निर्मित करना पड़ा। डॉक्टरों की टीम ने अत्यंत जटिल माइक्रोसर्जरी की। अब्दल्ला के बाएं पैर की दूसरी उंगली को सावधानीपूर्वक हटाकर दाहिने हाथ में प्रत्यारोपित किया गया। माइक्रोस्कोप की सहायता से बाल से भी पतली नसों और रक्त वाहिकाओं को पुनः जोड़ा गया ताकि प्रत्यारोपित अंगूठा जीवित रहे, स्वाभाविक रूप से हिले और समय के साथ सामान्य कार्य कर सके।
सर्जरी की चुनौती पर बात करते हुए डॉक्टर ने कहा कि अब्दल्ला के हाथ की स्थिति बेहद जटिल थी। गोली की चोट के कारण उनके हाथ में अधिकतर कार्यात्मक हिस्सा नहीं था। हमें केवल अंगूठा ही नहीं, बल्कि पूरी मूवमेंट चेन को पुनर्निर्मित करना पड़ा ताकि हाथ फिर से एक इकाई की तरह कार्य कर सके। टो-टू-थंब ट्रांसफर एक सूक्ष्म सर्जरी है; मिलीमीटर का मामूली अंतर भी फर्क डाल सकता है। इस सर्जरी की सफलता ने उन्हें फिर से दैनिक कार्यों के योग्य बनाया है।
अब्दल्ला के लिए यह सर्जरी किसी चमत्कार से कम नहीं। इससे उन्होंने न सिर्फ हाथ की कार्यक्षमता वापस पाई, बल्कि अपनी स्वतंत्रता, गरिमा और जीवन जीने की क्षमता भी हासिल की।
--आईएएनएस
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