डॉक्टर की सलाह को भूलकर भी ना करें नजरअंदाज, भुगतना पड सकता है घातक अंजाम
जयपुर। प्रदूषण औऱ उसके कारण बीमारियों का दौर बढ़ता जा रहा है जिसके कारण लोग समय-समय पर चिकित्सकीय परामर्श करना बेहद जरूरी समझते हैं। चिकित्सक आपको जीवनशैली से जुड़ी कई अच्छी बातें औऱ इलाज के बाद आराम करने और उसके बाद की दिनचर्या के लिए जरूरी बातें बताते हैं जिनको मानना आपकी स्वास्थ के लिए बेहद जरूरी होता है। हालांकि कई लोग डॉक्टरी परामर्श को बहुत हल्के में ले लेते हैं जिसका हर्जाना उन्हें समय के साथ भुगतना पड़ जाता है। अगर आप भी इस प्रकार की छोटी-मोटी गलतियां करते हैं तो सुधार करने की सख्त आवश्यकता है। नहीं तो आप भी कई इस प्रकार की लापरवाहियां करते हैं तो आपको भी असमय ही स्वास्थ संबंधी समस्यों का सामना करना पड़ सकता है।
बैड रेस्ट को नजरअंदाज करना
अकसर मरीजों को इलाज के बाद बैड रेस्ट की सलाह दी जाती है, जिसका कुछ ही लोग पालन करते हैं। मरीजों द्वारा नजरअंदाज की जानी वाली यह सबसे आम समस्या है जिसका हर्जाना भुगतना पड़ सकता है। इसलिए बता दें कि कभी-भी बेड रेस्ट को हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह आपके शरीर में बीमारी और इलाज के दौरान हुई क्षतियों को पूरा करने में मददगार होता है।
राहत मिलने पर दवाएं ना लेना
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट में पाया गया कि दुनियाभर में 78 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो सर्दी-जुकाम, बुखार और सिरदर्द जैसी समस्याओं में डॉक्टर से परामर्श नहीं करते। औऱ जो लोग जाते भी हैं उनके से अधिकतर लोग बीमारी में राहत के बाद दवाओं का सेवन नहीं करते। लेकिन बता दें कि इस दौरान दवाएं लेने से मौजूदा बैक्टीरिया दवाओं की क्षति से खुद को बचाकर अपनी जेनेटिक संरचना बदल लेते हैं और पहले से जयादा मजबूत होने लगते हैं।
इलाज में देरी करना
अकसर कई लोग आम समस्या होने पर या तो दवा ले लेते हैं या फिर उसके अपने आप ठीक होने का इंतजार करते हैं। लेकिन बता दें कि किसी भी समस्या में बिना आराम और दवा के राहत नहीं मिलती बल्कि इससे समस्या बढ़ने लगती है। लेकिन बता दें कि दवाओं का असर भी बीमारी के एक स्तर पर ही होता है। अगर वह बढ जाए तो कोई भी इलाज काम नहीं आता और परिणाम घातक हो जाते हैं।
अंदाज लगाकर डॉक्टर को जवाब देना
जब भी किसी बीमारी या समस्या के लिए चिकित्सकीय परामर्श किया जाता है तो डॉक्टर आपसे कई प्रकार के सवाल पूछता है जिनका जवाब कभी-कभी आप ठीक प्रकार से नहीं दे पाते। बता दें कि आपकी यह लापरवाही भी गंभीर साबित हो सकती है। इससे ड़ॉक्टर को समस्या समझने में कई समस्याएं आएंगी औऱ समस्या के इलाज में देरी भी हो सकती है।
डिस्चार्ज हुए बिना घर जाना
अकसर कई बार होता है कि इलाज के बाद अचानक मरीज की स्थिति बेहतर हो जाती है जिसके कारण वह जल्दी डिस्चार्ज करवाकर घर ले जाते हैं। लेकिन बता दें कि बिना डॉक्टर की सलाह के मरीज को डिस्चार्ज करवाना घातक हो सकता है। सर्जरी के केस में इंफैक्शन और किसी बीमारी के केस में परिणाम हानिकारक हो सकते हैं।