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अनिद्रा औऱ हृदय रोगों का काल है आयुर्वेदिक शंखपुष्पी, बेहतर पाचन के लिए भी लाभकारी

 

जयपुर। आयुर्वेद में दुनियाकी लगभग हर बीमारी का प्राकृतिक इलाज बताया गया है जो आम दवाओं से ज्यादा असरकारी साबित होता है। इसके तहत कई औषधियां और हर्बस ऐसे होते हैं जो कई बीमारियों का इलाज करने में मददगार होते हैं औऱ इन्हीं हर्ब्स में शामिल है शंख पुष्पी। शंख के आकार का यह फूल प्राचीन काल से ही जडी बूटियों में गिना जाता है। यह दिमाग और रोग प्रतिरोधक क्षमता को तो बेहतर रूपरेखा प्रदान करता ही है, साथ ही चिकित्सकीय लाभ वाली यह औषधि स्वास्थ को अनगिनत फायदे प्रदान करती है-

मानसिक समस्या

शखंपुष्पी का सेवन करने से नसों को शांति मिलती है औऱ स्ट्रैल हार्मोन कोर्टिसोल का इलाज होता है। इससे तनाव और डिप्रैशन में खास आराम मिलता है। इसके लिए एक गिलास पानी के साथ शंखपुष्पी का सेवन किया जा सकता है।

अल्जाइमर

आयुर्वेद में शंखपुष्पी को असरकारी टॉनिक बताया गया है जो दिमागी कार्यप्रणाली को दुरुस्त करके याद्दाश्त को बढाता है। मैडिकल साइंस में इसे चमत्कारी औषधि बताया गया है।

बेहतर पाचन

अगर बात करें पाचन की तो यह आपकी भूख बढाने में सहायक है। इसके अलावा, शंखपुष्पी में मौजूद लेक्सेटिव गुण एसिडिटी की समस्या से निजात दिलाकर पाचन को दुरुस्त करते हैं।

हृदय स्वास्थ

हाइपरटेंशन को कम करके शंख्पुष्पी नर्वस सिस्टम को संतुलित करती है। इसके अलावा यह धमनियों को चौडा करके बेहतर रक्त संचार में मदद करती है जिससे रक्त आपके हृदय तक बडे ही आसानी से पहुंच जाता है। इससे हृदय रोगों का खतरका भी कम होता है।

अनिद्रा

शंखपुष्पी का नियमित सेवन आपकी दिमागी नसों को शांत करके उन्हें राहत प्रदान करता है, जिससे स्ट्रेस का खतरा कम और बेहतर नींद लेने में खास मदद मिलती है। इससे अनिद्रा का खतरा भी कम होता है।