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कॉलेस्ट्रॉल और डाइबिटीज को नियंत्रित रखता है कूटू का सेवन, व्रत-उपवास में होता है प्रयोग!

 

अकसर व्रतों और उपवासों के समय देखा होगा कि, कुट्टू नामक एक बीच के आटे से कई व्यंजन बनाए जाते हैं। प्रोटीन की भरपूर मात्रा वाला यह आटा मैग्नीशियम, विटामिन-बी, आयरन, कैल्शियम, फॉलेट, जिंक, कॉपर, मैग्नीज और फॉस्‍फोरस जैसे कई गुणों की आपूर्ति सुनिश्चित करता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट रुटीन आपके शरीर में कोलेस्ट्रोल और ब्लड प्रेशर के प्रभावों को कई गुना करके आपके शरीर में ऊर्जा का संचार करता हैं। बताया जाता है कि, इसके आटे को चबाना आसान नहीं होता, इसलिए छह घंटे पहले ही भीगने के लिए पानी में रखा जाता है औऱ नर्म हो जाने पर ही इससे व्यंजनों का निर्माण किया जाता है। इसका सेवन उपवास के दौरान ऊर्जा प्रदान करके सेहत से जुडे कई फायदे प्रदान करता है-

ऊर्जा का संचार

कुट्टू का आटे और इससे बने व्यंजन व्रत-उपवास के दौरान हुई थकान को दूर करके ऊर्जा का संचार करते हैं। ताकि आप पूरा दिन ध्यान लगाकर शांति से अपने व्रता का पालन कर पाएं, इससे पेट भी भरा हुआ रहता है।

डायबिटीज में राहत

कुट्टू का आटा कैलोरी के बहुत ही निम्न मात्रा वाला आटा होता है जिसमें सेचुरेटेड फैट नहीं पाया जाता। इसलिए कूटू के आटे का सेवन डायबिटीज के मराजों के लिए बेहतर माना जाता है।

ब्‍लड प्रैशर नियंत्रण

इसमें मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो रक्त चाप को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक होती हैं। शायद इन्हीं गुणों के कारण इसे ब्लड प्रैशर के लिए बेहतर डाइट माना जाता है। इसके सेवन से आपके शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल का विकास होता है और आपके शरीर में रक्त संचार सुचारू रूप से चलता है।

मजबूत हड्डियां

हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कूट्टू का आटा कैल्शियम और मैग्नीशियम से भरपूर होता है, जो हड्डियों और मांसपेशियों के स्वास्थ के लिए बेहद आवश्यक है। कूटू का आटा इंसान के शरीर में कैल्शियम को सोखने में भी मददगार होता है, जिसके कारण ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा रकाफी हद तक कम हो जाता है।

कोलेस्ट्रॉल से छुटकारा

कूटू के आटे को कॉलेस्ट्रॉल का काल बताया जाता है क्योंकि इसमें मौजूद विटामिन, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस आदि खून में ऑक्सीजन का प्रवाह सुनिश्चित करते हैं और कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा को भी नियंत्रित करते हैं।